Follow us On Google
देश

किन महिलाओं को जरूर करानी चाहिए स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग? यहां जानें सबकुछ

हर एक महिला को प्रत्येक वर्ष स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए। औसतन जोखिम वाली महिलाओं को 40 साल की उम्र में स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू कर देनी चाहिए।

स्तन कैंसर

स्तन कैंसर – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले काफी ज्यादा मिलते हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको बता रहे हैं कि किन महिलाओं को स्तर कैंसर की जांच करानी चाहिए। 

स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग क्या है?

महिलाओं में स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करने के लिए महिलाओं द्वारा खुद के स्तन की जांच, डॉक्टर द्वारा स्तन की जांच और मैमोग्राम (स्तन का एक्स रे) का उपयोग किया जाता है। यह स्क्रीनिंग उन महिलाओं में की जाती है, जिन्हें स्तन कैंसर के कोई लक्षण ना हो ताकि हमें कैंसर के बारे में शुरूआती स्टेज में पता चल जाए। डेंस स्तन वाले मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। साथ ही एमआरआई का उपयोग उन महिलाओं में किया जाता है जिनमें स्तन कैंसर का जोखिम ज्यादा है। यह प्रारंभिक उपचार की अनुमति देता है जो बीमारी के कारण होने वाली पीड़ा और मरने की संभावना को कम करता है।

किस उम्र में, किसको और कितनी बार स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करवानी चाहिए?

हर एक महिला को प्रत्येक वर्ष स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए। औसतन जोखिम वाली महिलाओं को 40 साल की उम्र में स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू कर देनी चाहिए और 70 साल की उम्र तक इसे जारी रखना चाहिए। उसके बाद ये ऑप्शनल हो जाता है। महिलाओं में स्तन कैंसर के अधिक जोखिम को देखते हुए उनकी स्क्रीनिंग करने की उम्र अलग-अलग होती है। डॉक्टर एक फॉर्मूले का उपयोग करके महिलाओं में स्तन कैंसर के जोखिम का आकलन करते हैं जिसमें इनके बारे में जानकारी शामिल है जैसे: उस महिला की वर्तमान उम्र, वह उम्र जब उसके पीरियड्स शुरू हुए थे, जिस उम्र में उन्होने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था या फिर उनका बच्चा नहीं है,करीबी रिश्तेदारों में स्तन कैंसर की मौजूदगी, पिछली बार हुए स्तन बायोप्सी में सौम्य (Benign) स्तन रोग या एटिपिकल हाइपरप्लासिया (जोकि एक प्रकार की खोज है जब हम माइक्रोस्कोप के तहत ट्यूमर कोशिकाओं को देखते हैं) और वह महिला किस प्रकार की विशेष आबादी से संबंधित है। 

  • अगर महिला के बायोप्सी में पहले से एटिपिकल हाइपरप्लासिया होता है तो डॉक्टर उसे 25-30 साल के शुरूआती दौर से ही हर साल एमआरआई स्क्रीनिंग करवाने की सलाह देते हैं।
  • अगर किसी महिला के परिवार में किसी सदस्य को स्तन कैंसर है या उसके जीन में है, जो स्तन कैंसर का कारण बन सकते हैं, तो ऐसे में एमआरआई स्क्रीनिंग को मैमोग्राफी के पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। परिवार के बाकी महिलाओं की स्क्रीनिंग शुरू की जाती है। 30 साल की उम्र से पहले यह स्क्रीनिंग नहीं किया जाता है।
  • जिन महिलाओं को पहले ही चेस्ट रेडिएशन की अनुभूति हुई होती है तो उनकी सालाना एमआरआई स्क्रीनिंग, रेडिएशन के 10 साल बाद शुरू होता है लेकिन ये भी जरुरी है कि उसकी उम्र 25 साल से कम न हो।

डॉ. सफलता भागमार, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद

डॉ. सफलता भागमार, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद – फोटो : सोशल मीडिया

सेल्फ स्तन स्क्रीनिंग के दौरान महिलाएं करती हैं ये गलतियां

जल्दबाजी में: अपने स्तन की स्क्रीनिंग करते समय बहुत जरुरी है कि आपको हर एक स्तन पर कम से कम 5 मिनट ध्यान देना है। अगर आप जल्दी बाजी में करेंगी तो आप कुछ लक्षण नजरअंदाज कर देंगी।

पीरियड्स के समय न करें स्क्रीनिंग: अगर आप अपने पीरियड्स के दौरान स्तन की स्क्रीनिंग करती है तो आपको वो हॉर्मोन के प्रभाव की वजह से वह सूजे हुए/भारी और पेनफुल जान पड़ेंगे। इसलिए बहुत जरुरी है कि आप अपने पीरियड्स में स्तन की जांच न करें।

उंगलियों के तलवों की जगह उंगली के सिरों का इस्तेमाल करना: अधिकतर महिलाएं सेल्फ स्तन स्क्रीनिंग के दौरान अपनी उंगलियों के सिरे को इस्तेमाल करती है। इसकी जगह पर उन्हें अपनी उंगलियों के तलवों का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ये काफी ज्यादा सेंसटिव होते हैं। अगर किसी को उंगलियों के तलवों का का इस्तेमाल करने में दिक्कत होती है तो वो टिप की जगह उंगलियों के पिछले भाग या हथेली का इस्तेमाल कर सकती है।

गलत तरीके से जांच करना: अपने स्तन की स्क्रीनिंग करने के लिए बहुत जरुरी है कि आप वीडियो देख ले या इसके बारे में पढ़ लें। तभी आपको सही तरह स्तन की जांच करने के लिए 3 तरीकों की जानकारी हो पाएगी। अक्सर कई महिलाएं स्तन की जांच करने के दौरान अंडरआर्म्स, निप्पल के नीचे और स्तन के नीचे ध्यान देना भूल जाती है। जोकि बहुत ही कॉमन गलती है।

स्क्रीनिंग के दौरान गलत तरीके से दबाव डालना: स्तन के ऊपरी भाग में स्क्रीनिंग के लिए हल्का दवाब और गहरे भाग की स्क्रीनिंग के लिए ज्यादा दवाब की जरूरत होती है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

Follow us On Google

Mrityunjay Singh

Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please disable your Adblocker