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Varanasi News : दुनिया का अनूठा तीर्थ पैकेज काशीवासम्, नौ महीने और नौ दिन तप से उतारते मातृ ऋण

वाराणसी, जागरण संवाददाता। ‘आस्था को किसी परिभाषा के दायरे में नहीं बांधा जा सकता। विश्वास को किसी गणितीय सूत्र की कसौटी पर नहीं साधा जा सकता। यह कहना है विजयवाड़ा से आए बी. श्रीनिवास व चित्तूर से आईं वी. वत्सला का जो छह महीने से काशीवास करते हुए श्रद्धा के पवित्र फूल बीन रहे हैैं, मां के गर्भ में बिताए नौ महीने और नौ दिन की अवधि को एक-एक कर गिन रहे हैैं। मां के गर्भ का काशी संदर्भ क्या है, बता रहे हैैं कुमार अजय

सोनारपुरा के समीप संकरी गलियों में बसे मानसरोवर मुहल्ले के ‘काशीवासम् भवन में जहां बी. श्रीनिवास व वी. वत्सला के अलावा 14 और लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ तपश्चर्या में रत हैैं। कठिन संकल्प के साथ दीन-दुनिया के प्रपंचों से विरत सिर्फ जन्म देने वाली जननी के चरणों में नत हैैं। अपने सेवाकाल में उच्च पदस्थ अधिकारी रहे बी. श्रीनिवास बताते हैैं कि वैसे तो दक्षिण भारतीयों के लिए भगवान शिव की नगरी काशी में एक दिन के प्रवास का अवसर भी अनमोल है। कुछ लोग मोक्ष की कामना से अंतिम सांस तक इस नगरी की धरती को बिछौना बनाए रखते हैैं। मगर, हमारा सावधि काशीवास मां की अभ्यर्थना को समर्पित है। माता-पिता और गुरु के ऋण से कोई आजीवन मुक्त नहीं हो सकता, किंतु श्रद्धा के धागों से बुनी यह मान्यता कि मां के गर्भ में बिताए गए नौ महीने नौ दिन का समय गंगा की सहोदरी माता काशी की गोद में बिताने से दिवंगत माता की आत्मा को परितोष प्राप्त होता है और मोक्ष के कपाट का स्वयं मोक्ष होता है, यह भाव भी कम मर्मस्पर्शी नहीं है।

जी. राममूर्ति शास्त्री राजमुंदरी से यहां का काशीवास करने आए हैैं। उन्हें भी यहां आए पांच माह से ऊपर हो गए। भाषा की दिक्कत के बावजूद टूटी-फूटी हिंदी में कहते हैैं- ‘दक्षिण भारत में ‘काशीवासम् का परंपरा बहुत पुराना होता। सभी को यहां पूरा तप करना होता। भाव-भजन, ग्रंथ वाचन, गंगा सेवन, सेवा कर्म व मां के चरणों का ध्यान सब कुछ छोड़कर बस इतना ही होना मांगता। साप्पणम (भोजन) अपने हाथ से बनाना होता। सब कुछ भूलकर देव के स्मरण में ध्यान लगाना होता। नौ मास के टाइम में कुछ भी हो जाए किधर को भी नहीं जा सकता। ऐसा हुआ तो व्रत टूट जाता। संकल्प भंग का दोष माथे पर आता।

मछलीपट्टनम से आकर यहां तीन माह से व्रत ठानकर बैठी एन. शेषा पद्मजा बताती हैैं- ‘उधर से (दक्षिण भारत) यहां को बोत लोग आता। जगह बरोबर ना मिलने से वापस जाना पड़ता। अभी यहां को 16 लोग व्रत कर रलहा। आठ लोग आंध्र प्रदेश का है। सभी लोग बड़ा-बड़ा नौकरी से रिटायर है, लेकिन श्रद्धा और मन का बड़ा-चोटा से क्या लेना-देना? उनसे जानकारी मिलती है कि दुनिया में अपने आपमें यह अनूठा तीर्थ पैकेज मानसरोवर के ही श्री रामतारक आंध्र आश्रम का एक उप प्रकल्प है। इसके सूत्रधार हैैं- आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी वीवी. सुंदरशास्त्री। वे बताते हैैं कि ‘काशीवासम् के लिए लोगों के साल-दो साल के आवेदन पड़े हैैं, लेकिन पैकेज की जबरदस्त मांग और स्थान संकुचन की मजबूरी के चलते लोगों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है।

व्रत वरुणा और असि के बीच ही मान्य

इस अनूठे पैकेज का जिक्र करते हुए वीवी. सुंदरशास्त्री बताते हैैं कि कड़ी शर्तबंदी के मुताबिक मातृ संकल्प से आबद्ध और प्रतिबद्ध कोई भी काशी प्रवासी इस नौ महीने नौ दिन की समयावधि में वाराणसी की स्थापित सीमा वरुणा और असि की हदबंदी लांघ नहीं सकता। उसे काशी की हृदयस्थली में रहकर ही व्रत के नियम धर्म का पालन करना होता है। दक्षिण में लंका या उत्तर में कचहरी चले जाने पर व्रत भंग के साथ ही पैकेज भी अपने आप निरर्थक मान लिया जाता है।

अपने दर्द से बेपरवाह सिर्फ महसूस कर रहे मां की पीड़ा

तेलंगाना के चिंतालापुड़ी से आकर काशीवास कर रहे सीएच. पुंडरीकाक्ष शर्मा पिछले दिनों हादसे के शिकार हुए और पैर में अस्थिभंग हो गया। लोगों ने सलाह दी व्रत छोड़कर वापस लौट जाने की, पर वे कहते हैैं- ‘आस्था को लेकर कोई समझौता स्वीकार नहीं। मैैं अपनी पीड़ा को नहीं मां की पीड़ा को याद करता हूं तो अपना दर्द भूल जाता है। सवा दो महीने का समय शेष रह गया है। कष्ट ही सही मगर मां का व्रत निभाने के बाद ही वापस जाऊंगा।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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