Varanasi Gyanvapi Masjid Survey : रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कमीशन टीम मांग सकती है समय, 17 घंटे का फुटेज व 15 सौ फोटो

जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में सर्वे पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट न्यायालय में मंगलवार को नहीं सौंपी जा सकेगी। सर्वे के दौरान उम्मीद से कहीं ज्यादा बड़े इलाके में वीडियो और फोटोग्राफी की गयी। इससे फोटो की संख्या काफी ज्यादा हो गयी है। वीडियो का वक्त भी लम्बा है। इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करने में वक्त लगेगा। इसे देखते हुए एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह न्यायालय में प्रार्थना पत्र देंगे। इसमें रिपोर्ट को तैयार के लिए वक्त की मांग करेंगे। यह अदालत तय करेगी कि उन्हें कितना वक्त दिया जा सकता है। वहीं वादी और मुस्लिम पक्ष भी रिपोर्ट के दाखिल होने का इंतजार कर रहे हैं। जिसके आधार पर अदालत निर्णय करेगी। उस निर्णय पर दोनों पक्ष अपना-अपना रूख तय करेंगे।
सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए वक्त मांगेंगे एडवोकेट कमिश्नर
ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान साक्ष्य जुटाने के लिए वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई गई। चार दिन चली इस प्रक्रिया में करीब 13 घंटे के वीडियो फुटेज बनाए गए तो 15 सौ तस्वीरें खींची गईं। प्रक्रिया सोमवार सुबह सवा दस 10 बजे तक चली और इसके बाद रिपोर्टिंग की प्रक्रिया शुरू की गई। रिपोर्ट सिविल जज (सिनियर डिविजन) की कोर्ट में सुनवाई के लिए 17 मई तक दाखिल करनी है। एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह व सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह की निगरानी में इसे देर रात तक तैयार किया जा रहा था। हालांकि काम अधिक व समय कम होने से माना जा रहा है कि रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कमीशन टीम अदालत से और समय मांग सकती है।
सर्वेक्षण के दौरान एचडी कैमरे का उपयोग किया गया। कार्य पूरा होने पर फुटेज व फोटो सुरक्षित कर लिए गए हैं। साक्ष्य के तौर पर फुटेज व फोटो रिपोर्ट में शामिल किए जाएंगे। वीडियो व फोटोग्राफी की जिम्मेदारी गणेश शर्मा व विभाष दुबे को दी गई थी। दोनों ने कार्य पूरा होने पर खुशी जाहिर की। उनका कहना था कि सर्वेक्षण के दौरान साक्ष्यों को फोर-के कैमरा से कैद किया गया। टीम के पास वाटर प्रूफ कैमरा साथ में था लेकिन उसकी जरूरत नहीं पड़ी।
मछलियों की जान बचाने को प्रशासन करेगा कोर्ट से अपील
ज्ञानवापी परिसर के तालाब के पानी को खाली कराने के दौरान शिवलिंग अस्तित्व में आने की बात सामने आई पर इस दौरान इसमें मौजूद सैकड़ों मछलियों की जान भी आफत में आ गई। प्रशासन ने प्रांरभिक दौर में बीस से तीस मछलियों को निकलवाकर एक पानी भरे ड्रम में सुरक्षित रखा पर संख्या अधिक होने के कारण सभी को निकाल पाना संभव नहीं हुआ। पानी निकासी के कारण आक्सीजन की कमी आना स्वाभाविक मानते हुए तत्काल मत्स्य विभाग को मौके पर बुलाया गया।
आक्सीजन की व्यवस्था के साथ मत्स्य विभाग पहुंचा। तालाब में डेढ़ फीट तक पानी होने के कारण बाद में निकाली गई मछलियों को भी उसी में छोड़ दिया गया। गर्मी व पानी की कमी से पर्याप्त आक्सीजन न होने की वजह से अब इन मछलियों की जान जा सकती है, इसलिए प्रशासन इनकी व्यवस्था के बाबत कोर्ट से अपील करेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि कोर्ट निर्देश के क्रम में इन मछलियों को बचाने का प्रयास होगा।