Varanasi Gyanvapi Case : सिर्फ ज्ञानवापी नहीं, चाहिए पूरे पंचकोस क्षेत्र की मुक्ति : जितेंद्र सिंह बिसेन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बुधवार को अपनी नई याचिका को पत्रकारों से साझा करते हुए बड़ा बयान दिया। रथयात्रा क्षेत्र के शगुन बैंक्वेट में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि हमारा दावा केवल ज्ञानवापी के लिए नहीं बल्कि पूरे पंचकोस क्षेत्र की मुक्ति के लिए है। इस क्षेत्र को इस्लाम मुक्त होना चाहिए। इसे नई याचिका में शामिल कर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है।
हालांकि, पंचकोस क्षेत्र को लेकर उन्होंने स्पष्ट नहीं किया। कहा कि पंचकोस क्षेत्र काशी विश्वनाथ एक्ट 1983 में उल्लेखित है उसकी मुक्ति के लिए संघर्ष हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि पंचकोस क्षेत्र में उपासना स्थल नहीं होंगे तो उपासक अपने घर वापस चले जाएंगे। जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर हमारे संगठन की ओर से अब तक सात वाद दाखिल किए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण वाद भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के नाम से दाखिल किया गया है। मुकदमे की गंभीरता को समझते हुए अदालत ने उसे फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने स्वयंभू ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर की नियमित पूजा का अधिकार मांगा है। ज्ञानवापी क्षेत्र में मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित कर वह पूरा क्षेत्र हिंदुओं को सौंप देने की आवाज उठाई है। कहा कि हम अदालत में बताएंगे कि इस पांच कोस क्षेत्र यानी पंचकोसी में हमारे कौन से धार्मिक स्थल और देवी-देवताओं के स्थान आते हैं। हम अदालत में काशी विश्वनाथ एक्ट 1983 के हिसाब से चलेंगे। उन्होंने बताया कि विश्व वैदिक सनातन संघ का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह को बनाया गया है। संघ के यूथ विंग हिंदू राष्ट्र पुनर्स्थापना संघ का वाराणसी में जिलाध्यक्ष विकास शाह को नामित किया गया है।
वीडियो व फोटोग्राफ के लिए दी अदालत में दी अर्जी
ज्ञानवापी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट के साथ दाखिल वीडियो व फोटोग्राफ की प्रति प्राप्त करने के लिए वादी पक्ष की ओर से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें उल्लेख किया गया है कि कमीशन की कार्यवाही के दौरान एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में करायी गयी वीडियो व फोटोग्राफी की प्रति उन्हें उपलब्ध करायी जाए। इस बाबत जिला जज की अदालत ने आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि आवश्यक शुल्क जमा करके इलेक्ट्रानिक फार्म (काम्पैक्ट डिस्क) के माध्यम से प्रति उपलब्ध कराएं। बुधवार को इसके लिए बड़ी संख्या में आवेदन जिला जज की अदालत में पहुंचे। जिला जज ने सभी आवेदनों पर विचार करने के बाद ही प्रति जारी करने को कहा है।