
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की क्षेत्रीय निरीक्षक (टेक्निकल) भर्ती की प्रायोगिक परीक्षा 2014 में इंजीनियरिंग डिग्रीधारकों को शामिल करने की मांग अस्वीकार कर दी है और कहा है कि नियोजक को योग्यता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की क्षेत्रीय निरीक्षक (टेक्निकल) भर्ती की प्रायोगिक परीक्षा 2014 में इंजीनियरिंग डिग्रीधारकों को शामिल करने की मांग अस्वीकार कर दी है और कहा है कि नियोजक को योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है। योग्यता तय करना भर्ती नीति का हिस्सा है। अनुच्छेद 14 नकारात्मक समानता में लागू नहीं होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अभिषेक शर्मा व तीन अन्य की याचिका सहित आठ याचिकाओं पर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम योग्यता पद के लिए डिप्लोमा आटोमोबाइल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग तय करने तथा इंजीनियरिंग डिग्री को भर्ती में शामिल न करने के फैसले को सही करार दिया है।
कोर्ट ने चार साल के इंजीनियरिंग कोर्स करने वाले लोगों की याचिकाएं खारिज कर दी है। इनका कहना था कि न्यूनतम अर्हता से उच्च डिग्री धारकों को भर्ती में शामिल होने से बाहर करना विधि के विरुद्ध है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र व राज्य की योग्यता निर्धारित करने की नीति में विरोधाभास नहीं है। डिग्री डिप्लोमा से उच्च शिक्षा नहीं है। दोनों का अलग क्षेत्र है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दीपक सिंह केस का हवाला दिया और कहा योग्यता निर्धारित करना नियोजक का अधिकार है। उसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।