UP Cabinet Meeting : रामनगर पालिका परिषद का अस्तित्व होगा खत्म, वाराणसी नगर निगम में विलय के लिए कैबिनेट की मोहर

UP Cabinet Meeting यूपी मंत्रिपरिषद ने नगर पंचायत सूजाबाद एवं नगर पालिका परिषद रामनगर के सम्पूर्ण क्षेत्र को नगर निगम वाराणसी के वृहत्तर नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित करते हुए नगर निगम वाराणसी की सीमा विस्तार करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन/परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता होने पर सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किये जाने का भी निर्णय लिया है।
सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधि और विपक्ष की राय अलग
Ramnagar Palika Parisha रामनगर नगर पालिका परिषद रामनगर व नगर पंचायत सूजाबाद को नगर निगम में विलय को कैबिनेट की मुहर लगने के बाद नगर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। कितने लोगों के चेयरमैन बनने का ख्वाब जहां ख्वाब ही रह गया तो वहीं सभासद बनने की तैयारी कर रहे लोगों का भी अरमान धराशायी हो गया। इस विलय को हर कोई अपने नजरिया से देख रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधि और सभासद जहां इसे विकास को लेकर मिल का पत्थर मान रहे हैं तो वहीं विपक्ष इसे भाजपा की ओर से जनता पर थोपे गए अतिरिक्त कर का बोझ का आरोप लगा रही है।
निवासियों को और बेहतर मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी
varanasi municipal corporation नगर निगम वाराणसी की सीमा विस्तार किए जाने से उसमें सम्मिलित किये जाने वाले क्षेत्रों के निवासियों को और बेहतर मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। साथ ही, नागरिकों को प्रदान की जा रही सुविधाओं का बेहतर प्रबन्धन किया जा सकेगा। इस सीमा विस्तार से नगर निगम की आय में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र के विकास हेतु निगम के व्यय सम्बन्धी दायित्व निर्वहन में आसानी होगी। क्षेत्र के अवस्थापना विकास के होने से स्थानीय निवासियों हेतु अतिरिक्त रोजगार सृजन की सम्भावना है।
1950 से स्थापित नगर पालिका परिषद का अस्तित्व खत्म हो जाएगा
नगर पालिका परिषद को नगर निगम में विलय को भाजपा की हार को भी जोड़ा जा रहा है। फिलहाल रामनगर नगर निगम में विलय के बाद कितना विकास होगा, किस तरह का परिसीमन बनेगा और कितने वार्ड होंगे,यह अभी तय नहीं है। लेकिन लोग अपने हिसाब से अटकलें लगा रहे हैं। कोई रामनगर में 4 वार्ड तो कोई तीन वार्ड बना रहा है। आज का दिन रामनगर के इतिहास की सबसे बड़ा दिन है। 1950 से स्थापित नगर पालिका परिषद का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। यहां 25 वार्ड से 25 सभासद चुनकर आते हैं। जबकि पांच मनोनीत सभासद है।तथा एक चैयरपर्सन होते हैं।