
- भाई की नौकरी पर मांगा दहेज, तोड़ा रिश्ता, मुकदमा दर्ज
- वररक्षा और तिलक के बाद सवार हुआ दहेज का भूत
वाराणसी। वररक्षा के बाद तिलक और फिर शादी की तैयारी उस समय अधूरी रह गयी, जब दहेज लोभी ने शादी से इनकार कर दिया। क्योंकि दूल्हा का भाई पुलिस बन गया। अरे भाई हां, दूल्हा का भाई पुलिस बन गया तो डिमांड बढ़ गयी। हाथ पैर जोड़ने और पंचायत के बाद भी जब बात नहीं बनी तो आखिरकार थाने में मुकदमा दर्ज हुआ क्योंकि बात बेटी की शादी का था और आत्मसम्मान का भी।
जानकारी के अनुसार, गड़वा गांव निवासी एक युवती की शादी जंसा थानाक्षेत्र के मनिहारीपुर (हाथी) गांव निवासी युवक के साथ तय थी। तय का क्या थी वररक्षा और तिलक भी हो चुका था जानी थी तो केवल बारात। कन्या पक्ष ने बतौर दहेज एक लाख इक्यावन हजार नकदी दी और सामान भी पहुंचाया लेकिन इस बीच जिससे शादी होनी थी उसके भाई की नौकरी पुलिस में लग गयी। भाई के बदन पर वर्दी आते ही लाढ़े गुरु की डिमांड दो से तीन गुना हो गयी।
विवाह ठीक चंद दिन पहले उसने चार लाख और कार की डिमांड की असहाय बेटी पक्ष ने असमर्थता जताई तो लोभी परिवार ने शादी करने से इनकार कर दिया। लड़की पक्ष जंसा थाने पहुंचा लेकिन आरोप है कि थानेदार साहब मामले को टरकाते रहे, क्योंकि बात वर्दी की थी। थकहार कर बेटी का पिता एडिशनल सीपी अपराध एंव मुख्यालय के पास पहुंचा और आपबीती सुनाई। एडिशनल सीपी ने मामले को संज्ञान लिया और रपट दर्ज कर जांच का आदेश दिया। इस मामले में बड़ागांव पुलिस ने आरोपी सिपाही समेत चार के खिलाफ रपट दर्ज की।
ये है पूरा मामला
बड़ागांव थानाक्षेत्र के गड़वा निवासी कन्या के पिता कन्हैया लाल ने आरोप लगाया है की मेरी पुत्री की शादी जंसा थानाक्षेत्र के मनिहारी पुर हाथी बाजार निवासी फुलेंद्र गोड़ के पुत्र अजय कुमार के साथ तय हुआ था। गोद भराई और तिलक का रस्म पुरा किया गया। वर के भाई विजय की नौकरी पुलिस विभाग में लग गयी इसके बाद वर पक्ष के लोगों ने अब शादी करने के लिए चार लाख नगद और चार पहिया वाहन की मांग करने लगे।
कन्या के पिता द्वारा असमर्थता व्यक्त करने पर काफी पर पंचायत के बाद तय हुआ की नगद धनराशि पुरा देने पर शादी होगी तथा 25 नवम्बर को विवाह की तारीख तय हुई लड़की पक्ष ने शादी का कार्ड छपवाकर वितरण कर दिया इस बीच अगुआ द्वारा कन्या पक्ष को संदेश दिया गया की अब शादी नहीं होगी।