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कानपुर: बर्फीली हवाओं की वजह से हाड़ कंपा देने वाली ठंड से राहत के आसार नहीं


कानपुर,05 जनवरी (हि.स.)। बर्फीली हवाओं से हाड़ कंपा देने वाली गलन पड़ रही है। सर्दी का कहर बढ़ता ही जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ों से आनी वाली हवाओं की वजह से आगामी दस जनवरी तक ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि बुधवार दोपहर कुछ देर के लिए राहत जरूर मिली। लेकिन गुरुवार सुबह ठंड ने अपना तेवर और तेज कर दिया।

सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों से आनी वाली हवाओं की वजह से अभी ठंड से राहत मिलने वाली नहीं है। बुधवार को तापमान कुछ बढ़ा, लेकिन ठंड में कोई राहत नहीं मिली है। अधिकतम तापमान एक दिन पहले की अपेक्षा तीन डिग्री बढ़कर 13.2 पर जरूर पहुंच गया, लेकिन सामान्य तापमान से यह 3.5 डिग्री सेल्सियस कम रहा। इसी तरह न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री बढ़कर 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार आसमान साफ होने की वजह से रात के समय तापमान और गिर सकता है।

ठंड से फट रहीं दिमाग की नसें एवं ब्लड प्रेशर अनियंत्रित

सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मस्तिष्क की नस फटने के वार्ड में 20 रोगियों का उपचार चल रहा है। वहीं, न्यूरो साइंसेज विभाग में बुधवार देर रात तक दिमाग की नस फटने के 10 रोगियों को भर्ती किया गया। ब्रेन अटैक से चार रोगियों की मौत हुई।

चिकित्सकों का मानना है कि ठंड की वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के जो रोगी आ रहे हैं, उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया था। इसके साथ ही जो डायबिटीज, गुर्दा, लिवर का पुराना रोगी हैं। उनके लिए खतरा अधिक है। कार्डियोलॉजी इमरजेंसी और ओपीडी में बुधवार को सात सौ से अधिक रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। अस्पताल में 49 गम्भीर रोगियों को उपचार किया जा रहा है।

कानपुर महानगर में ठंड का कहर

बर्फीली हवाओं की वजह से बीते चौबीस घंटे शीतलहर के चलते हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के मामले बढ़ गए हैं। शहर के हैलट अस्पताल में एक दिन में हार्ट अटैक से 11 और ब्रेन अटैक से 4 रोगियों की जान चली गई। इसके अतिरिक्त तीन हार्ट पेशेंट्स ने कार्डियोलॉजी पहुंचने से पूर्व ही दम तोड़ दिया। वहीं दूसरी तरफ आठ रोगी हार्ट की वजह से उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

ग्रामीण क्षेत्रों में दस जनवरी तक पाले का खतरा

इस बीच ग्रामीण क्षेत्रों में पाला पड़ना भी शुरू हो गया है। इससे फली और नरम तने वाली फसलों को क्षति पहुंच सकती है। सीएसए के मौसम विभाग ने फसलों को पाला से बचाने के लिए सुझाव भी जारी किया है। पाला गेहूं, जौ, सरसों, जीरा, धनिया, सौंफ, अफीम, मटर, चना, गन्ना के अलावा टमाटर, मिर्ची, बैंगन को 30 से 60 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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