Teachers Day 2022 : आजमगढ़ के इस स्कूल में ‘चिल्ड्रेन बैंक’ जगा रहा पढ़ाई संग स्वावलंबन, बच्चे चला रहे बचत खाता

Childrens Bank in Azamgarhशिक्षक वही है, जो बच्चों को संपूर्ण इंसान बनाने की नींव रखे। ऐसा ही प्रयास कंपोजिट विद्यालय अंबारी ‘चिल्ड्रेन बैंक’ के जरिए कर रहा है। यहां बचत खाताें के संचालन से छात्र-छात्राओं में स्वावलंबन का भाव विकसित हो रहा है। बच्चों में जेब खर्च में कटौती कर बैंक खाता खोलने एवं संचालन से मितव्ययिता और आगणन की क्षमता भी बढ़ रही है। वर्ष 2019 में ‘चिल्ड्रेन बैंक’ का शुभारंभ तत्कालीन डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने फीता काटकर किया था, जिसका आज 679 खातों में पड़े एक लाख 29 हजार 120 रुपये संग सफल संचालन बदस्तूर है।
यूं काम करता है बैंक
बच्चे नामांकन के साथ ही शून्य बैलेंस पर खाता खोलते हैं। अपने जेब खर्च से एक से 10 रुपये तक रोजाना जमा कर सकते हैं। लंच टाइम में बैंक जमा-निकासी को खुलता है। उनके पासबुक पर गतिविधियां दर्ज की जाती हैं। पांचवीं और आठवीं पास करने के बाद 10 फीसद साधारण ब्याज संग जमा धनराशि अभिभावक के सामने लौटाई जाती है। ब्याज का बंदोबस्त विद्यालय प्रबंध समिति को मिलने वाले दान से की जाती है।
शिक्षक पढ़ाई संग कराते चतुर्दिक विकास
कंपोजिट विद्यालय में बच्चों को तराशा जाता है। अव्वल शिक्षा के कारण यहां एडमिशन क्लोज करना पड़ता है। स्कूल परिसर में वर्षा की एक-एक बूंद समेटने और पौधारोपण के विशेष इंतजाम के कारण बच्चे पर्यावरण, जल संरक्षण को करीब से समझते हैं। यहां करीब 950 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
बाइलाज से चलता है बैंक
1-छात्र-छात्राएं ही खाते का संचालन करेंगे।
2-स्टूडेंट्स होंगे प्रबंधक और कैशियर, करेंगे लेजर का रख-रखाव।
3-कैश की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी।
4-प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के अर्थशास्त्र, गणित और सांख्यिकी के विशेषज्ञ शिक्षक करेंगे आडिट।
5-खाता धारकों को बैंक पासबुक व रसीद मिलेगी।
6-प्रधानाध्यापक होंगे पदेन सचिव।
‘चार साल पूर्व जो सपना देखा तो वह ‘चिल्ड्रेन बैंक’ के जरिये पूर्ण हो रहा है। बचत खातों का सफल संचालन इसका प्रमाण है। बच्चों के हित में मेरे निर्णय को शिक्षकों, विद्यालय प्रबंध समिति के सभी सदस्यों का बखूबी साथ मिला।’
-राजेश कुमार यादव, प्रधानाध्यापक।
‘बचत करना ही व्यक्ति की कमाई होती है। मुझे लगा था कि बच्चों का बैंक होगा, तो उनमें बचत की अच्छी आदत पड़ेगी। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि बैंक आज भी संचालित है।’