Sri Lanka Crisis: विक्रमसिंघे ने की भारत के लोगों की तारीफ, बोले- बुरे दिनों में की मदद, अंधकार में दीपक जलाया

भारतीयों को कोलंबो एक्सपैट कल्चरल एसोसिएशन (सीईसीए) के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह से सीईसीए ने निराशा की स्थिति में वंचित बच्चों के जीवन को रोशन कर सबसे बुरे दिनों में श्रीलंका की मदद की।
देश की आजादी के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका ने भारत के प्रयासों की सराहना की है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को राजधानी कोलंबो और देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे भारतीय की तारीफ की। उन्होंने कोरोना महामारी और वित्तीय संकट के दौरान भारतीयों के सहयोग को ‘अंधकार में दीपक’ के समान बताया।
भारतीयों को कोलंबो एक्सपैट कल्चरल एसोसिएशन (सीईसीए) के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह से सीईसीए ने निराशा की स्थिति में वंचित बच्चों के जीवन को रोशन कर सबसे बुरे दिनों में श्रीलंका की मदद की।
विक्रमसिंघ ने सीईसीए की श्रीलंका के प्रति निरंतर भागीदारी और प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि अंधकार की घड़ी में आप श्रीलंका के लिए उस दीपक की तरह हैं, जिन्हें प्रकाश के लिए जलाया गया है। श्रीलंका और भारत, क्षेत्र में समान संस्कृति को साझा करते हैं। दोनों देश एक सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों देशों की संस्कृति और धर्म में अंतर तो है, लेकिन समानताएं भी हैं।