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Shri Krishna Janmashtami 2022 : काशी में गंगा बन जाती हैं कालिंदी, गोस्‍वामी तुलसीदास से जुड़ी है अनोखी मान्‍यता

श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का आयोजन काशी में धूमधाम से पुलिस लाइन से लेकर विभिन्‍न राधा-माधव मंदिरों में मनाया जाता है। हालांकि द्वापरयुगीन कथाओं में श्रीकृष्‍ण से कोई सीधा संबंध काशी से नहीं है लेकिन काशी द्वापरयुग में भी महत्‍वपूर्ण रही है। काशी नरेश की पुत्रियों का भीष्‍म द्वारा हरण हो या अन्‍य पात्रों का काशी क्षेत्र से संबंध हो यहां द्वापरयुगीन कथाएं पग पग में रची बसी हैं।

इसी कड़ी में मान्‍यताओं के अनुसार कार्तिक माह की नाग चतुर्थी को हर साल यहां नागनथैया का आयोजन होता है। कालीय नाग का नाथने का यह लक्‍खा मेला गोस्वामी तुलसी दास द्वारा शुरू किए जाने की मान्‍यता है। मान्‍यताओं के अनुसार तभी से ये लीला तुलसी घाट पर 450 साल से अधिक समय से होती चली आ रही है।

तुलसीघाट पर चल रही 450 वर्ष से अधिक पुरानी श्रीकृष्ण लीला के क्रम में कालिया नाग का मान मर्दन की लीला का आयोजन प्रतिवर्ष होता है। लीला के क्रम में कन्दुक क्रीड़ा (गेंद) के दौरान बाल सखा की गेंद श्रीकृष्ण कालिंदी बनी गंगा में फेंक देते हैं। गेंद को निकालने के लिए परम्परानुसार शाम ठीक 4.40 बजे श्रीकृष्ण का प्रतिरूप बने बालक कृष्‍ण कदम्ब की डाल पर चढ़कर गंगा में छलांग लगा देते हैं। …और थोड़ी ही देर में कालिया नाग (कृत्रिम) को नथकर बाहर निकल आते हैं और उसके फन पर खड़े होकर चारों ओर घूम कर भक्तों को दर्शन देते हैं।

इस दौरान चहुंओर घण्ट-घड़ियाल की गूंज के बीच वृंदावन बिहारी लाल की जयकारे और अगर के साथ ही कपूर और दीपक की आरती से माहौल धार्मिक हो उठता है। ऐसा लगता है कि बाबा भोलेनाथ की नगरी में द्वापर युग की मथुरा और वृंदावन के साथ ही गंगा में कालिंदी नदी साक्षात उतर आई हो। लीला के इसी दृश्य को अपनी नयनों में कैद करने के लिए दूर-दूर से लोग नावों से भी देखने आते हैं। लीला प्रेमियों की भीड़ दोपहर से ही गंगा घाट पर उमड़ पड़ती है। इस दौरान परंपराओं के अनुसार अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र श्रीकृष्ण के प्रतिरूप की आरती उतारते हैं और काशी नरेश चढ़ावे के स्वरूप में सोने की एक गिन्नी भेंट करते हैं। 

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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