आईआर कंपनी और कार्यबल के बीच सेतु है : शोभनदेव चटर्जी

कोलकाता, 18 जनवरी (हि.स.)। बुधवार को कोलकाता में सीआईआई के तत्वाधान में आयोजित आईआर कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पश्चिम बंगाल सरकार के कृषि मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने कहा कि आईआर कंपनी और कार्यबल के बीच सेतु है। एक प्रभावी आईआर प्रबंधन और संघ दोनों से इनपुट लेकर विकास को आगे ले जाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि उद्योगों के बिना यूनियनों की अधिक आवश्यकता नहीं होगी। इसलिए, एक संगठन के औद्योगिक संबंधों में लगे कर्मियों को औद्योगिक विकास के लिए दोनों हितधारकों के विचारों को एकीकृत करने की दिशा में काम करना चाहिए जो देश के समग्र विकास में योगदान देगा।
सीआईआई पूर्वी क्षेत्र एचआर आईआर उपसमिति के अध्यक्ष और सीईएससी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक (एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन) गौतम रे ने उद्घाटन सत्र में अपने स्वागत भाषण के दौरान कहा कि यह हम या वे नहीं हैं, यह एक व्यापक अर्थ में हम हैं। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए उद्योग का उचित कार्यबल प्रबंधन नीतियों को बनाए रखना, नवाचार शामिल करना, नई तकनीकों को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रबंधन और संघ इस विकास प्रक्रिया के अभिन्न अंग हैं।
वहीं कार्यक्रम में मौजूद सीआईआई पूर्वी क्षेत्र आईआर कोर ग्रुप के अध्यक्ष और कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक और आईआर) विनय रंजन ने कहा कि भारत में आईआर की स्थिति अभी भी विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि आईआर में आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक नेटवर्क संगठनों का उदय और उनके बीच तालमेल है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रोजगार मॉडल बदल रहे हैं, 40 प्रतिशत अमेरिकी कर्मचारी गिग इकॉनमी में काम कर रहे हैं और भारत तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने साझा किया कि जैसे-जैसे आयु प्रोफ़ाइल, रुचि, कार्यबल का समग्र स्वरूप बदल रहा है, नई एचआर आईआर नीतियों को मिलेनियल्स के हित को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाना है। उन्होंने शिक्षाविदों में औपचारिक आईआर पाठ्यक्रम को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। हिन्दुस्थान समाचार/भानुप्रिया/गंगा