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Shivling Found in Gyanvapi : दक्षिण भारत की परंपरा से काशी पहुंचा पन्ना का शिवलिंग, चीनी यात्री फाह्यान ने भी किया है इसका वर्णन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : बीएचयू के पुराविद इतिहासकारों का मानना है कि पन्ना का शिवलिंग मुख्यत: दक्षिण भारत के मंदिरों में प्रचलन में रहा है। संभव है कि यह दक्षिण से ही उत्तर में भी आदि विश्वेश्वर की स्थापना के समय आया हो।

प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. विनोद जायसवाल बताते हैं कि शैव आगम ग्रंथों में शुद्धतम शिवलिंग स्फटिक का माना जाता है। बावजूद इसके कोई भी भक्त इस महान परमेश्वर की उपासना मिट्टी, रेत, गाय के गोबर, लकड़ी, पीतल या पत्थर से बने शिवलिंग से भी कर सकता है। डा. जायसवाल बताते हैं कि पत्थर के शिवलिंग प्राय: प्राकृतिक होते हैं, इन्हें मनुष्य द्वारा निर्मित नहीं किया जाता परंतु धातुओं और कीमती पत्थरों के शिवलिंग मानव निर्मित भी होते हैं। अभी ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले विशाल शिवलिंग के पन्ना निर्मित होने की बात चर्चा में है, जिसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है। हालांकि आदि विश्वेश्वर श्री विश्वनाथ धाम में चौथी शताब्दी में भी पन्ना का शिवलिंग स्थापित था।

इस बात का वर्णन चौथी शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री फाह्यान के यात्रा वृत्तांत में मिलता है। फाह्यान ने लिखा है कि उसने वाराणसी में महाराज विक्रमादित्य द्वारा स्थापित आदि विश्वेश्वर में पन्ना का शिवलिंग देखा था। इसी तरह 16वीं सदी में जब अकबर के नवरत्नों में से एक जब राजा टोडरमल ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया तो भी उन्होंने पन्ना का शिवलिंग ही स्थापित कराया था। इस बात का वर्णन राजा मोतीचंद द्वारा लिखित काशी का इतिहास नामक पुस्तक में मिलता है। डा. जायसवाल बताते हैं कि राजा टाेडरमल ने 16वीं सदी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में दक्षिण भारत के विद्वान नारायण भट्ट का सहयोग लिया था।

इससे इस संभावना को बल मिलता है कि पन्ना का यह शिवलिंग दक्षिण भारत की परंपरा से ही आया हो। वह बताते हैं कि वर्णन मिलता है कि दक्षिण भारत के महाराजा राजेंद्र चोल ने पूर्वी एशिया से एक पन्ने का बना शिवलिंग नागपट्टनम के पास थिरुक्कुवालाई में स्थित त्यागराज स्वामी मंदिर को दान दिया था।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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