PM’s Economic Advisory Council: 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जाएगा भारत, दस हजार यूएस डॉलर से अधिक हो जाएगी प्रति व्यक्ति आय

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2047 तक 20 ट्रिलियन (20 लाख करोड़) यूएस डॉलर के बराबर हो जाएगा, बशर्ते कि अगले 25 वर्षों में वार्षिक औसत वृद्धि 7 से 7.5 प्रतिशत हो। मंगलवार को ‘द कॉम्पिटिटिवनेस रोडमैप फॉर इंडिया@100’ (Competitiveness Roadmap for India@100) नामक ब्लूप्रिंट जारी करते हुए देबरॉय ने यह भी कहा कि अगर देश अगले 25 वर्षों में 7 से 7.5 प्रतिशत की औसत आर्थिक विकास दर से बढ़ता है तो वार्षिक प्रति व्यक्ति आय 10,000 अमरीकी डालर से अधिक होगी।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने आशा जताई कि 2047 तक भारत भी उच्च मानव विकास श्रेणी वाले देशों में शामिल हो जाएगा। फिलहाल, भारत 2.7 ट्रिलियन यूएस डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वर्तमान में यह विकासशील देश है। यह ब्लूप्रिंट भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने और लचीलेपन की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नीतिगत लक्ष्यों और सिद्धांतों का खाका बनाएगा। यह खाका देश की सामाजिक संरचना के अनुसार होगा।
देश के विकास का ब्लूप्रिंट
ब्लूप्रिंट देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भी मंच तैयार करेगा। हाल के वर्षों में सुधारों के आधार पर इस बात का मूल्यांकन किया जाएगा कि अब भारत को अब किन कामों को प्राथमिकता देने की जरूरत है और आने वाली चुनौतियों के लिए कैसे देश खुद को तैयार कर सकेगा। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि प्रतिस्पर्धात्मक दृष्टिकोण को भारत की आर्थिक और सामाजिक नीति के आधार के रूप में काम करना चाहिए, ताकि विकास को आगे बढ़ाया जा सके और इसे लंबे समय तक बनाए रखा जा सके।
2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा भारत
बिबेक देबरॉय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। एक विकसित देश की पहचान आमतौर पर अपेक्षाकृत ऊंची आर्थिक विकास दर, बेहतर जीवन स्तर और उच्च प्रति व्यक्ति आय से होती है। इसके अलावा उसे मानव विकास सूचकांक (HDI) के मानकों पर अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत होती है। इसमें शिक्षा, साक्षरता और स्वास्थ्य जैसी आधारभूत चीजें शामिल हैं।