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वाराणसीदेश

अभी नहीं मिलेगी हार कंपाती ठंड से राहत, किसानों के लिए जारी की गई एडवाइजरी


बेगूसराय, 05 जनवरी (हि.स.)। भीषण शीतलहर ने बेगूसराय सहित पूरे उत्तर बिहार को चपेट में ले लिया है। तापमान लगातार गिरता जा रहा है। चौथे दिन गुरुवार को भी सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए, जिसके कारण कंपकंपी काफी बढ़ गई है, अभी अगले तीन दिनों तक इससे राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग द्वारा दिए गए सूचना के अनुसार फिलहाल आठ जनवरी तक इस कंपकंपी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। आठ से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चलती रहेगी, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पड़ रही भीषण ठंड के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। प्रशासनिक स्तर पर 125 से अधिक जगहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं तथा तमाम लोग अपने-अपने घर में आग जलाकर और रजाई-कंबल के सहारे ठंड से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ठंड का सितम जारी है तथा मौसम में हुए बदलाव से एक ओर मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

भीषण ठंड के कारण गरीब-मजदूर और पशुपालन एवं किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में और गिरावट होने की संभावना है। प्रशासन लोगों को ठंड से बचने के लिए लगातार अलर्ट कर रही है तो कृषि विश्वविद्यालय के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी किया गया है।

बेगूसराय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉ. रामपाल ने बताया कि आठ जनवरी तक के पूर्वानुमान अवधि में आसमान साफ तथा मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। वातावरण में अधिक नमी तथा पछुआ हवा चलने के कारण पिछले दो दिनों से कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है। ठंड का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। अधिक नमी तथा सामान्य से कम तापमान के प्रभाव से अधिकांश स्थानों में हल्के से मध्यम कुहासे छा सकते हैं।

किसान वर्तमान मौसम में मटर, टमाटर, धनियां, लहसून एवं अन्य रबी फसलों की झुलसा रोग की निगरानी करें। मौसम तथा वातावरण में नमी होने पर यह बीमारी फसलों में काफी तेजी से फैलती है। इससे फसलों की पत्तियों के किनारे और सिरे से झुलसना शुरू होती है, जिसके कारण पूरा पौधा झुलस जाता है। इस रोग के लक्षण दिखने पर 2.5 ग्राम डाई इथेन एम-45 फफूंदनाशक दवा का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर समान रुप से फसल पर दो-तीन छिड़काव दस दिनों के अंतराल पर करें।

नवम्बर माह के शुरू में बोयी गई रबी मक्का की फसल जो 50 से 60 दिनों की अवस्था में हैं। इन फसलों में 50 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का व्यवहार कर मिट्टी चढ़ाएं। मक्का की फसल में तना बेधक कीट की निगरानी करें। इसकी सूंडिया कोमल पत्तियों को खाती है तथा मध्य कलिका की पत्तियों के बीच घुसकर तने में पहुंच जाती है। तने के मुद्दे को खाती हुई जड़ की तरफ बढ़ती हुई सुरंग बनाती है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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