Murder Mystery : वाराणसी मां बेटी की हत्या एक माह बाद भी अबूझ पहेली, पुलिस अब तक किसी नतीजे पर पहुंची नहीं

Murder Mystery लंका के नरिया स्थित प्राथमिक विद्यालय के समीप रहने वाली मां बेटी की हत्या एक माह बाद भी पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। करीब दो दर्जन लोगों से पूछताछ के बाद भी पुलिस अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। कमिश्नरेट के आला अधिकारी से लेकर क्राइम ब्रांच व स्थानीय थाने की पुलिस ने कई बार घटना स्थल का मुआयना किया लेकिन हत्या का राज रहस्य बना हुआ है।
नरिया में बिजली विभाग से सेवानिवृत्त बालमुकुंद पांडेय का मकान है। बालमुकुंद पांडेय की लगभग दो साल पहले मौत हो चुकी है। मकान में उनकी पत्नी सुनीता पांडेय और बेटी दीपिका पांडेय रहती थी। बालमुकुंद पांडेय का एक बेटा अखिलेश दिल्ली में अधिवक्ता है। दूसरा बेटा अंजनी चोलापुर में पैतृक आवास में रहता है। गत 13 जुलाई को अंजनी घर आया था तो दरवाजा नहीं खुला और अंदर से दुर्गंध आ रही थी। अंजनी ने नरिया पार्षद कमल पटेल को सूचना दी। कमल पटेल की सूचना पर पुलिस आई।
पुलिस अंदर घुसी तो सुनीता पांडेय का शव लॉबी में जमीन पर पड़ा हुआ था। वहीं, दीपिका पांडेय का शव बरामदे में पड़ा हुआ था। शव सड़ चुके थे जिससे दुर्गंध आ रही थी।नरियां स्थित मकान का काफी दिनों से विवाद था ।मकान तोड़कर चार हिस्से हुए हैं। आधे में मां और बेटी तथा आधे में दोनो बेटे अलग अलग चहारदीवारी बनाए हैं।बड़े बेटे अखिलेश ने अपना हिस्सा बेच दिया है।
मृतका अपनी बेटी दीपिका के साथ रहती है जिसे पति का पेंशन मिलता था उसकी से जीविकोपार्जन होता था।दीपिका चिरईगांव स्थित निजी कॉलेज से बीएड कर रही थी। इनके घर दोनों तरफ विद्यालय है जबकि पिछले तरफ खाली और आगे सड़क है। सामने पड़ोस में रहने वाले लोगों से भी इन लोगों की नहीं बनती थीं।जिसके कारण कोई मतलब नहीं रखता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गम्भीर चोट हत्या की वजह के रूप में सामने आई थी। सिर पर हतौड़ी व राड से वार किया गया था। मा बेटी को दो जुलाई के बाद लोगों ने नहीं देखा था।