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Muharram 2022 : वाराणसी में इमाम चौकों पर बैठाए गए ताजिये, निकला दूल्हे का जुलूस

शहीदाने कर्बला की याद में  लगभग सभी इमाम चौकों पर ताजिये बैठाए गए। रात 12.20 बजे शिवाला इमाम बाड़ा से दूल्हे का जुलूस निकला। इसमें 72 अलाव के अंगारों को राख में तब्दील करते हुए इमाम हुसैन के चाहने वालों ने या हुसैन, या हुसैन… की सदा बुलंद करते हुए नंगे पांव अंगारों को राख में तब्दील कर दिया।

दूल्हा के जुलूस में एक व्यक्ति रिक्शे से ध्वनि विस्तारक यंत्र से पारंपरिक रास्ते की याद दिलाते चल रहा था। जुलूस दरगाह फातमान पहुंचा। वापसी पर मंगलवार की सुबह शिवाला इमामबाड़ा मेंं ठंडा होगा। जुलूस में सुरक्षा का विशेष इंतजाम रहा। इमामचौकों पर ताजिये को बोसा देने वालों की काफी भीड़ थी। इनमें बड़ी संख्या में बुर्कानशीं महिलाएं भी थीं।

कुछ ताजिये तो इतने कलात्मक थे कि देखने वाले देखते ही रह गए। इनमें पठानीटोला का नगीने वाला ताजिया, बजरडीहा व बाकराबाद का बुर्राक वाला ताजिया, माताकुंड का रांगे वाला ताजिया, दालमंडी का पीतल वाला ताजिया, नई सड़क का चपरखट का ताजिया आदि आकर्षण का केंद्र रहे।

रात को ही अधिकांश शिया बाहुल्य क्षेत्रों से गश्ती अलम निकाला गया। इसमें नौहाख्वानी व मातम किया गया। इससे पहले दिन में सराय हड़हा से शहीद मासूम हजरत अली असगर के झूले का जुलूस निकला। झूले को देख कर लोगों की आंखें नम हो गईं। मंगलवार को यौमे आशूरा (10 मुहर्रम) पर मातमी जुलूसों व ताजियों को दफ्न करने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहेगा।

उधर, हुकूलगंज में नया ताजिया बैठाए जाने पर क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। लोगों ने क्षेत्रीय पार्षद से नया ताजिया बैठाए जाने को लेकर शिकायत की। पार्षद बृजेश चंद्र श्रीवास्तव द्वारा प्रभारी निरीक्षक थाना लालपुर पाण्डेयपुर व पांडेयपुर चौकी इंचार्ज को मामले से अवगत कराया।

हुकूलगंज दुर्गा मंदिर के पीछे चार फीट चौड़ी गली में रास्ता बंद कर इस वर्ष नया ताजिया बैठाया जा रहा था। वहां कई प्रतिबंधित हथियार वगैरह भी रखे गए थे। ताजिया बैठाने को लेकर दूसरे वर्ग के विरोध के बाद भी जबरदस्ती ताजिया बैठाया गया। क्षेत्र में विगत कई वर्षों से केवल दो स्थानों पर ताजिया बैठाया जाता है। एक तकिया वाली गली में दूसरा राजपूत मेडिकल के सामने वाली गली में बैठाया जाता है।

इस संबंध में इंस्पेक्टर लालपुर पांडेयपुर ने बताया कि पुलिस ने ताजिया को रास्ते में से हटा दिया है। किसी भी हालत में नई परंपरा को शुरू नहीं करने दी जाएगी और जो भी माहौल बिगाडऩे का प्रयास करेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सदा-ए-हुसैन अलविदा के साथ कर्बला में दफनाए गए ताजिये

हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की अजीम शहादत की याद में योमे आसुरा मंगलवार को यहां अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। भारी भीड़ की मौजूदगी में अकीदतमंदों ने जंजीरों से मातम कर खुद को लहूलुहान कर दिया। इसे देखकर लोग हतप्रभ रह गए। धीरे-धीरे जुलूस कर्बला के मैदान पहुंचा जहां ताजिये दफनाए गये। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मुस्तैद रही।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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