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मेले, उत्सव का आयोजन संस्कृति को समृद्ध और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते है: मोदी

इंफाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उत्सवों और मेलों की भारत की सदियों पुरानी परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन संस्कृति को समृद्ध और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देते है।दिल्ली से वीडियो संदेश के जरिए मणिपुर संगाई महोत्सव को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में पर्वों, उत्सवों और मेलों की सदियों पुरानी परंपरा है। इनके जरिए हमारी संस्कृति तो समृद्ध होती ही है, साथ ही लोकल इकॉनमी को भी बहुत ताकत मिलती है। संगाई फेस्टिवल जैसे आयोजन, निवेशकों को, उद्योगों को भी आकर्षित करते हैं। मुझे पूरा विश्वास है, ये फेस्टिवल, भविष्य में भी, ऐसे ही उल्लास और राज्य के विकास का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

उन्होंने मणिपुर संगाई उत्सव को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बताते हुए इसके सफल आयोजन के लिए मणिपुर के सभी लोगों को बधाई दी।उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण इस बार दो साल बाद संगाई उत्सव का आयोजन हुआ। मुझे खुशी है कि, ये आयोजन पहले से और भी अधिक भव्य स्वरूप में सामने आया। ये मणिपुर के लोगों की स्पिरिट और जज्बे को दिखाता है। विशेष रूप से, मणिपुर सरकार ने जिस तरह से एक व्यापक विज़न के साथ इसका आयोजन किया, वो वाकई सराहनीय है। मैं मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह जी और पूरी सरकार की इसके लिए सराहना करता हूँ।उन्होंने कहा कि मणिपुर इतने प्राकृतिक सौन्दर्य, सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता से भरा राज्य है कि हर कोई यहाँ एक बार जरूर आना चाहता है। जैसे अलग-अलग मणियाँ एक सूत्र में एक सुंदर माला बनाती हैं, मणिपुर भी वैसा ही है। इसीलिए, मणिपुर में हमें मिनी इंडिया के दर्शन होते हैं।

आज अमृतकाल में देश ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ बढ़ रहा है। ऐसे में “फेटिवल ऑफ वन नैस” की थीम पर संगाई फेस्टिवल का सफल आयोजन भविष्य के लिए हमें और ऊर्जा देगा, नई प्रेरणा देगा। संगाई, मणिपुर का स्टेट एनिमल तो है ही, साथ ही भारत की आस्था और मान्यताओं में भी इसका विशेष स्थान रहा है। इसलिए, संगाई फेस्टिवल भारत की जैविक विविधता को प्रचार करने का एक उत्तम फेस्टिवल भी है। ये प्रकृति के साथ भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सम्बन्धों को भी गुणगान करता है। और साथ ही, ये फेस्टिवल दीर्घकालिक जीवन स्तर के लिए जरूरी सामाजिक संवेदना की प्रेरणा भी देता है। जब हम प्रकृति को, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को भी अपने पर्वों और उल्लासों का हिस्सा बनाते हैं, तो हमारा जीवन का सहज अंग बन जाता है।

उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि “फेटिवल ऑफ वन नैस” की भावना को विस्तार देते हुए इस बार संगाई फेस्टिवल केवल राजधानी नहीं बल्कि पूरे राज्य में आयोजित हुआ। नागालैंड बार्डर से म्यांमार बार्डर तक, करीब 14 लोकेशन्स पर इस पर्व के अलग-अलग रंग दिखाई दिए। ये एक बहुत सराहनीय पहल रही। जब हम ऐसे आयोजनों को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जोड़ते हैं तभी इसका पूरा सामर्थ्य सामने आ पाता है।(वार्ता)

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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