Lemon Price Hike : वाराणसी में फिर चढ़े नीबू के दाम, तेज गर्मी में मांग ज्यादा होने से अब 10 रुपये में तीन नहीं दो मिल रहे

जागरण संवाददाता, वाराणसी : Lemon Price Hike गर्मी के दिनों में नीबू अत्यंत उपयोगी और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इसके गुण जहां ऊर्जा से भरपूर करने वाले होते हैं वहीं कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। इतना महत्वपूर्ण होने के बावजदू इस बार नीबू ने अपने दामों से लोगों को खूब निराश किया है। मार्च महीने में नीबू जहां 10 से 15 रुपये प्रति पीस तक बिका वहीं अप्रैल में अंतिम महीना में 10 रुपये चार नीबू बिके। एक बार फिर मई जहां भीषण सूर्य की तपिश से झुलस रहा है वहीं नीबू के दाम में उछाल से ग्राहकों की जेब ढीली होने से गर्म हो रही है।
दरअसल, नीबू की खपत बाराणसी में प्रतिदिन 10 ट्रक के करीब है। ज्यादातर नीबू महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के अन्य राज्यों से मंगाए जाते हैं। इस बार नीबू की पैदावर खराब होने के चलते आवक कम रही है। इसी अवधि में पिछले साल वाराणसी बाजार में नीबू की आवक अधिक हुई थी। इस बार पिछले तीन महीने से नीबू की आवक कम होती रही है। ऐसे में भाव में कभी भी गिरावट नहीं आई। नीबू की महंगाई के चलते ज्यादातर घरों में आचार भी नहीं पड़े जबकि यही आचार आयुर्वेदिक दवा के रूप में उपयोग करते हैं। लोगों को अभी भी उम्मीद है कि आवक ठीक हुई तो नीबू के भाव में जरूरत गिरावट होगी। पहड़िया मंडी से मिली जानकारी के मुताबिक नीबू की आवक कम हो रही है। हर साल की अपेक्षा इसबार काफी कमी देखी जा रही है।
नीबू की कई किस्में होती हैं, जो प्राय: प्रकंद के काम में आती हैं, उदाहरण के तौर पर फ्लोरिडा रफ, करना या खट्टा नीबू, जंबीरी आदि। कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके उत्पादन के स्थान मद्रास, बंबई, बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैदराबाद, दिल्ली, पटियाला, उत्तर प्रदेश, मैसूर तथा बड़ौदा हैं।