काशी तमिल संगमम: आज रात बनारस पहुंचेगा तमिल हस्तशिल्पियों का दल, भव्य स्वागत की तैयारी

सार
एक माह तक चलने वाले काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु से कलाकारों, छात्रों, साहित्यकारों, कामगारों के कई समूह वाराणसी आएंगे। तमिल हस्तशिल्पियों का दल आज रात वाराणसी पहुंचेगा।
विस्तार
काशी तमिल संगमम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से मेहमानों के आने का दौर जारी है। तमिल अतिथियों का दूसरा जत्था आज रात बनारस पहुंचेगा। 216 हस्तशिल्पियों का दल तमिलनाडु से रवाना हो चुका है। देर रात वाराणसी स्टेशन पहुंचने पर उनका स्वागत किया जाएगा। रेलवे ने इसके लिए तैयारी कर ली है।
इधर, काशी तमिल संगमम में शामिल होने आया छात्रों का समूह सोमवार को प्रयागराज के लिए रवाना हो गया। जहां से वे अयोध्या के लिए जाएंगे। एक माह तक चलने वाले काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु से ट्रेन से 12 ग्रुप में 2592 मेहमान आ रहे हैं। पहले ग्रुप में छात्रों को शामिल गया था, जो कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सोमवार को प्रयागराज चले गए। जहां से वो अयोध्या के लिए रवाना होंगे।
22 नवंबर की सुबह वाराणसी आएंगे और रामेश्वरम के लिए रवाना हो जाएंगे। वहीं, एर्णाकुलम से हस्तशिल्पियों का दल 21-22 नवंबर की रात 1:45 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचेेगा। इसी तरह 23 नवंबर को साहित्यकार, 26 नवंबर को आध्यात्म जगत से जुड़े मेहमान आएंगे। जबकि 30 नवंबर को व्यवसायी और उद्यमी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचेंगे।
काशी तमिल संगमम: केंद्रीय लोक संचार ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी को – फोटो : अमर उजाला
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मेहमान दो दिसंबर को, हेरिटेज से जुड़े चार दिसंबर, नव उद्यमियों का दल सात दिसंबर को पहुंचेगा। जबकि प्रोफेशनल्स का दल आठ दिसंबर, मंदिर के पुजारियों, महंतों और अर्चकों का दल दस दिसंबर, ग्रामीण-कृषकों का दल 13 दिसंबर को और संस्कृतिकर्मियों का दल 15 दिसंबर को वाराणसी आएगा।
काशीवासियों को भा रही तमिल संस्कृति
पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों शनिवार को काशी तमिल संगमम के उद्घाटन के बाद बीएचयू एंफीथिएटर मैदान में पहुंचे काशीवासियों के दिल को तमिल संस्कृति और वहां के परिधान भा गए। संगमम में सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही है। काशी व तमिलनाडु के सांस्कृतिक, कलात्मक आदान-प्रदान के लिए शुरू हुए काशी तमिल संगमम में लगी प्रदर्शनी देखने पहुंच रहे हैं। तमिलनाडु से आए उद्यमियों के चेहरे पर भी उत्साह है। उनके उम्मीद के हिसाब के हो रही बिक्री से वो काफी खुश हैं।
बीएचयू एंफीथिएटर मैदान में लगी प्रदर्शनी में महिलाएं कांजीवरम साड़ी को अधिक पसंद कर रही हैं। यहां लोगों की जरूरत के हिसाब से तीन हजार से लेकर 40 हजार तक कीमत वाली साड़ी लगी है। इसके साथ ही लोगों को तमिलनाडु की लकड़ी की ज्वेलरी भी खूब पसंद आ रही है। प्रदर्शनी में आई चित्रा ने बताया कि कांजीवरम की साड़ियां काफी पसंद हैं और यहां पर अच्छी साड़ियां हैं।
गायन, वादन की जुगलबंदी के बीच बिखरी नृत्य की मनोहारी छटा
काशी-तमिल के कलाकारों ने रविवार को अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस दौरान गायन, वादन की जुगलबंदी के बीच नृत्य की मनोहारी छटा भी बिखरी रही। तमिलनाडु से आए कलाकारों ने भरतनाट्यम, लोकगीत, लोकनृत्य की प्रस्तुति दी तो पंबाई वाद्याम में वाद्ययंत्रों के माध्यम से कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां देखने को मिली। इसके बाद बीएचयू संगीत एवं मंच कला संकाय के नृत्य विभाग के विद्यार्थियों ने डॉ. विधि नागर के निर्देशन में कथक की प्रस्तुति कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।
बनारसी व्यंजनों में लगेगा तमिलनाडु के मसालों का तड़का
बनारसी व्यंजन में तमिलनाडु के मसाले का तड़का लगेगा। स्टॉल पर मौजूद अंकित ने बताया कि तमिलनाडु के 38 जिलों की खाद्य सामग्रियां यहां लगी हैं। इसमें सबसे ज्यादा मसालों की खरीद हो रही है। जिसमें तमिलनाडु के ईरोड जिले की हल्दी, गरम मसाला के साथ ही अन्य मसाले की खरीद हो रही है।