जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार हो रहा काशी

वाराणसी : G20 का प्रतिनिधित्व भारत कर रहा है और सबसे अहम बात यह है कि यह सम्मेलन भगवान शिव की नगरी और पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होने जा रहा है और इसकी तैयारी वाराणसी ने शुरू भी कर दी है। विकास स्तर की बैठक में दुनिया के 20 विकासशील देशों के विकास मंत्री और G20 के प्रतिनिधि वाराणसी में शामिल होंगे।
शहर का सौंदर्यीकरण होना शुरू हो चुका है, काशी के ऐतिहासिक गंगा घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। G20 के आयोजन से काशी के पास एक स्वर्णिम अवसर है अपनी कला, संस्कृति की छटा बिखरने का, बनारसी खानपान का स्वाद दुनिया को चखाने का। मेट्रो शहर की तरह बनारस को चमकाया जाएगा एयरपोर्ट से शहर आने वाली सड़कों, चौकाघाट, रुद्राक्ष, रविदास पार्क की सड़कों को इसमें शामिल किया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रमुख स्थलों के आसपास थीम आधारित पेंटिंग भी कराई जाएगी।
काशी G20 बैठकों के लिए महत्वपूर्ण स्थल
हाल ही में G20 के शिखर सम्मेलन में वाराणसी में प्रस्तावित आयोजनों की रूपरेखा 11 दिसंबर को तय की गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि “काशी G20 बैठकों के लिए महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, संस्थानों, विचारों और अभियानों का पूरा सेट आज भारत से निकल रहा है”। विदेश मंत्रालय की टीम ने काशी में होने वाली छह अलग-अलग बैठकों के लिए जगह चयन के साथ ही अतिथियों के स्वागत के लिए शहर में होने वाले कामों पर भी चर्चा की।
G20 राष्ट्रीय चेतना का संवाद
काशी को लोग बाबा नगरी के नाम से जानते है। काशी में कई ऐसे मंदिर है जिसने देश की संस्कृति व सभ्यता को जोड़ने का काम किया है। ऐसे में G20 के आयोजन से काशी को मौका मिला है अपनी संस्कृति और सभ्यता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का। G20 ने संस्कृति और परंपरा को करीब लाने में मदद की है। देखा जाए तो समरसता का प्रतीक G20 राष्ट्रीय चेतना का संवाद है। भारत ने पूरी दुनिया के सामने एक विश्वास खड़ा किया, भारत के लिए दुनिया के सामने अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने का ये अच्छा अवसर है। काशी में G20 का आयोजन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक नई ऊंचाई देगा।