Karnataka Politics: कर्नाटक के CM बोम्मेई को पद से हटाने की अटकलों को मंत्री ने किया खारिज

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राजस्व मंत्री आर अशोक ने विपक्षी कांग्रेस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को उनके पद से हटाने के मुद्दे को अनावश्यक रूप से उठाने का आरोप लगाया। मंत्री आर अशोक (Revenue Minister R Ashok) ने बुधवार को 2023 विधानसभा चुनावों के लिए अपने सीएम उम्मीदवार का नाम देने के लिए सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को चुनौती दी।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai) को उनके पद से हटाने की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) सहित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही कहा है कि चुनाव बोम्मई के नेतृत्व में होगा और पार्टी इसका पालन करेगी।
बता दें कि मंत्री मंगलवार को मुख्यमंत्री बोम्मई की जगह लेने और यहां तक कि उन्हें ‘कठपुतली मुख्यमंत्री’ कहने की अटकलों पर कांग्रेस के कई ट्वीट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘सड़कों पर आ चुकी अपनी अंदरूनी कलह को छिपाने के लिए कांग्रेस झूठी खबरें फैला रही है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘देश में कांग्रेस का कोई आधार नहीं है, भाजपा के नेतृत्व और सीएम परिवर्तन के बारे में बोलने का उन्हें क्या अधिकार है।’
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त नहीं कर पाई है और आज भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बदलने की बात कर रही है।
‘क्या अमित शाह या प्रधानमंत्री ने आपको (सीएम परिवर्तन के बारे में) बताया है? आपकी अपनी पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह के कारण चीजें खराब हो गई हैं, पहले इसे साफ़ करें ….. न तो मुख्यमंत्री बदलेंगे और न ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील को बदला जाएगा, हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।’
हाल के दिनों में राज्य भाजपा में शीर्ष स्तर सहित, विशेष रूप से हाल ही में अमित शाह के राज्य के दौरे के बाद, कई तरह के बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है।
अशोक ने कांग्रेस पार्टी को आगे चुनौती देते हुए कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हैं, अगर आप में हिम्मत, साहस और नैतिकता है तो क्या आप बता पाएंगे कि आपका मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन है? इसके बारे में खुद से सवाल करें, आप में हिम्मत नहीं है घोषणा करने की, लेकिन आप दूसरों के बारे में बोलना चाहते हैं।’
न्होंने यह भी कहा कि सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार कांग्रेस में इस तरह की घोषणा करने पर कांग्रेस को टूटने का डर है।
अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया, शिवकुमार, मल्लिकार्जुन खड़गे, जी परमेश्वर और एम बी पाटिल जैसे कांग्रेसी नेताओं की आंतरिक दरार दावणगेरे में सिद्धारमैया के 75वें जन्मदिन समारोह के बाद खुलकर सामने आई है।
उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया के कार्यक्रम का मुकाबला करने के लिए शिवकुमार 75वें स्वतंत्रता दिवस के नाम पर अपनी ताकत साबित करने के लिए एक मार्च निकाल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह भी हमारे संज्ञान में आया है कि सिद्धारमैया के जन्मदिन के कार्यक्रम पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने एक बैठक की है। उन्होंने कहा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने के बजाय कांग्रेस नेता ऐसी चीजों में शामिल हैं।
भाजपा के पूर्व विधायक बी सुरेश गौड़ा के हालिया बयान से कुछ बदलावों का संकेत मिलता है कि आलाकमान पार्टी के हित में मुख्यमंत्री और अन्य मामलों को बदलने और भविष्य में चुनाव जीतने पर फैसला लेगा।