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Janmashtami 2022: क्यों कहलाए भगवान कृष्ण माखनचोर, जानें इसके पीछे की रोचक कहानी

नई दिल्ली, Janmashtami 2022: जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यही कारण है कि इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है और बाल गोपाल का श्रृंगार किया जाता है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि के बाद जन्माष्टमी की पूजा की जाती है। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को पड़ रही है।

माखनचोर कहलाने के पीछे की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार कृष्ण अपने मित्र मधुमंगल को उनके घर पर जाकर कुछ खाने की इच्छा जताई। इसके बाद मधुमंगल अपने घर आकर कृष्ण के लिए कुछ खाने की व्यवस्था करने लगे, पर घर में कुछ नहीं मिला तो वह कृष्ण के लिए बासी कढ़ी लेकर जाने लगे, लेकिन उन्हें अच्छा महसूस नहीं हुआ, जिसके कारण उसने खुद ही झाड़ी में छिपकर कढ़ी पी ली। कान्हा ने मधुमंगल से इसका कारण पूछा तो उसने सारी बात कान्हा को बताई। तब कृष्ण ने मधुमंगल से कहा कि मुझे ऐसा कमजोर और दुबला-पतला मित्र पसंद नहीं है। तुम मेरे सामने तगड़े हो जाओ। इस पर मधुमंगल ने कहा कि तुम्हारी मां तुम्हें रोज दूध-माखन खिलाती है लेकिन मेरे माता-पिता निर्धन हैं। मैंने तो कभी माखन भी नहीं खाया। इसके बाद कान्हा ने मधुमंगल से बोला- मैं तुम्हें प्रतिदिन माखन खिलाऊंगा। इसके बाद कृष्ण अपने सखा के लिए माखनचोर बन गए और पड़ोस के सभी घरों से माखन चुराकर अपने सखा मुधमंगल के संग खाने लगे। जिस कारण उनका नाम माखनचोर पड़ा।

श्रीकृष्ण के अलग-अलग नाम 

श्रीकृष्ण को बाल गोपाल, कान्हा, कन्हैया, मुरलीधर, नंदलाला, गोपाला, लड्डू-गोपाल जैसे कई नामों से जाना जाता है। बचपन से लेकर युवावस्था तक कान्हा को उनकी लीलाओं के कारण अलग-अलग नाम मिलते गए। कई बार उनके प्रियजनों ने उन्हें नया नाम दिया तो कई बार उनके शत्रुओं द्वारा भी नए नाम दिए गए। जिनमें से उनका एक नाम छलिया है, जो कंस ने दिया था। जो काफी प्रचलित है। कृष्ण के कई नामों में उनका एक नाम माखनचोर भी है। ये नाम श्रीकृष्ण को उनकी सखा मंडली के कारण प्राप्त हुआ। जानते हैं क्यों श्रीकृष्ण को कहा जाता है माखनचोर।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान कृष्ण के बचपन में कई सखा थे। इनमें सुदामा, मधुमंगल, सुबाहु, सुबल, सदानंद, चंद्रहास, बकुल, शारद, बुद्धिप्रकाश भद्र, सुभद्र, मणिभद्र, भोज, तोककृष्ण, वरूथप, मधुकंड, विशाल, रसाल और मकरंद के प्रमुख नाम हैं। शास्त्रों में भगवान कृष्ण को अपने मित्रों के साथ बिताए हुए पलों के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया गया है। बचपन में भगवान कृष्ण खूब नटखट थे। वे अपने सखा मंडली के साथ मिलकर खूब शरारत किया करते थे। पुष्टिमार्ग में भगवान कृष्ण के अष्टसखाओं की खूब चर्चा की गई है लेकिन सखा मधुमंडल के कारण कृष्ण माखनचोर बन गए।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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