Follow us On Google
Uncategorized
Trending

Jagran Trending: इन बीमा पॉलिसियों के जरिए बचाएं Income Tax, साथ ही परिवार को करें आर्थिक रूप से सुरक्षित

नई दिल्‍ली, मनीश कुमार मिश्र। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के अलावा भी हमलोगों की कई आर्थिक जिम्‍मेदारियां होती हैं। इन आर्थिक जरूरतों को पूरी करने के लिए हम नौकरी करते हैं या अपना कारोबार करते हैं। भगवान न करे, लेकिन दुर्भाग्‍यवश अगर किसी कमाऊ व्‍यक्ति की मृत्‍यु हो जाती है तो उसके परिवार की आर्थिक जरूरतों को कौन पूरी करेगा? ऐसे कई उदाहरण हम कोविड-19 की दूसरी लहर में देख भी चुके हैं। हमारे न रहने के बाद भी हमारे परिवार को किसी तरह की आर्थिक परेशानी नहीं हो, इसके लिए हम जीवन बीमा करवाते हैं। लाइफ इंश्‍योरेंस, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस औेर क्रिटिकल इलनेस इंश्‍योरेंस इनकम टैक्‍स बचाने में भी मददगार हैं। आइए, इनके बारे में विस्‍तार से जानते हैं और यह भी समझते हैं कि जीवन बीमा पर इनकम टैक्‍स के लाभ लेने के लिए क्‍या शर्तें लागू होती हैं।

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत जीवन बीमा के प्रीमियम पर आयकर में कटौती का लाभ मिलता है। इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है। हमने ऊपर चर्चा की है कि जीवन बीमा कम से कम इतना तो होना चाहिए कि हमारे न रहने पर परिवार को कोई आर्थिक परेशानी नहीं हो। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए टैक्‍स एवं इन्‍वेस्‍टमेंट एक्‍सपर्ट बलवंत जैन ने बताया कि सबसे कम प्रीमियम पर अधिकतम बीमा कवर टर्म इंश्‍योरेंस के तहत मिलता है। किसी भी व्‍यक्ति को इनकम रीप्‍लेसमेंट मेथड के आधार पर बीमा कवर की गणना करनी चाहिए। इसे लिए जरूरी है कि कोई भी व्‍यक्ति अपनी सालाना आय का कम से कम 10-12 गुना जीवन बीमा कवर ले। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि टैक्‍स बचाने के लिए लाइफ इंश्‍योरेंस नहीं लेना चाहिए बल्कि टैक्‍स सेविंग को अतिरिक्‍त लाभ समझ कर चलना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि टर्म इंश्‍योरेंस जीवन बीमा लेने का सबसे सस्‍ता जरिया है।

आपने जीवन बीमा कंपनियों के यूलिप के बारे में जरूर सुना होगा। यूलिप वास्‍तव में जीवन बीमा कंपनियों के मार्केट लिंक्‍ड प्रोडक्‍ट्स हैं। ये भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ आपको देते हैं। कुछ लोग बच्‍चों के हायर एजुकेशन और उनकी शादी के लिए चिल्‍ड्रेन्‍स पॉलिसी भी लेते हैं और इन पर भी धारा 80सी का लाभ मिलता है।

Endowment Policies | एंडोमेंट पॉलिसी

जीवन बीमा कंपनियां ज्‍यादातर एंडोमेंट पॉलिसी ऑफर करती है। ये पॉलिसियां जीवन बीमा के साथ-साथ बचत में भी सहायक होते हैं। आपने मनी बैक पॉलिसी के बारे में जरूर सुना होगा, यह पॉलिसी एंडोमेंट पॉलिसी के दायरे में आती है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आप इसके प्रीमियम के भुगतान पर भी 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी पर टैक्‍स सेविंग का लाभ लेने की शर्त

अगर आपने 1 अप्रैल 2012 से पहले टर्म इंश्‍योरेंस लिया हुआ है तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 80सी का लाभ तभी मिलेगा जब उसका प्रीमियम बीमा कवर के 20 फीसद से कम हो। 1 अप्रैल 2012 के बाद खरीदी गई टर्म इंश्‍योरेंस पॉलिसियों के मामले में प्रीमियम बीमा कवर के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

जीवन बीमा के लिए कौन सी पॉलिसी लें?

अभी तक जिस किसी भी फाइनेंशियल एडवाइजर से दैनिक जागरण की बात हुई है, उन्‍होंने यही कहा कि जीवन बीमा के उद्देश्‍य सिर्फ और सिर्फ टम इंश्‍योरेंस ही लिया जाना चाहिए। आर्थिक जिम्‍मेदारियां बढ़ने पर आप दूसरी टर्म इंश्‍योरेंस पॉलिसी भी खरीद सकते हैं। उनका कहना है कि इनकम टैक्‍स बचाने के लिए लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसीज में इन्‍वेस्‍ट करना कहीं से भी फायदे का सौदा नहीं है। इनके रिटर्न काफी कम होते हैं। इसलिए, जीवन बीमा के लिए टर्म इंश्‍योरेंस और टैक्‍स सेविंग के लिए अन्‍य विकल्‍पों का चयन करना चाहिए।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

Follow us On Google

Mrityunjay Singh

Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please disable your Adblocker