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Iran : ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन को अमेरिका का समर्थन, बाइडन बोले- दमन करने वालों पर लगाएंगे जुर्माना

बाइडन का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हिजाब विरोधी आंदोलन के पीछे अमेरिका व इस्राइल का हाथ होने का आरोप लगाया है।  बता दें, ईरान में सख्त इस्लामी ड्रेस कोड यानी हिजाब व बुर्के से संबंधित कानूनों का सख्ती से पालन कराया जाता है।

विस्तार

ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाओं के आंदोलन का अमेरिका ने समर्थन किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ईरान में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के दोषियों पर इसी सप्ताह जुर्माना लगाएगा। ईरानियों के स्वतंत्र रूप से विरोध करने के अधिकारों को अमेरिकी समर्थन जारी रहेगा। हिंसा के लिए ईरानी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। 

बाइडन का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हिजाब विरोधी आंदोलन के पीछे अमेरिका व इस्राइल का हाथ होने का आरोप लगाया है।  बता दें, ईरान में सख्त इस्लामी ड्रेस कोड यानी हिजाब व बुर्के से संबंधित कानूनों का सख्ती से पालन कराया जाता है। इसके लिए बाकायदा मॉरल या धार्मिक पुलिस है, जो महिलाओं की चेकिंग करती है। इसी चेकिंग के दौरान बीते दिनों महशा अमीनी नाम की 22 साल की युवती को कार से उतारकर गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उसकी हिरासत में मौत हो गई थी।

अमीनी की मौत के बाद ईरान में सैकड़ों महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और उन्होंने हिजाब के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। पिछले कई दिनों से यह आंदोलन जारी है। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों की बीच हिंसक टकराव की खबरें भी आई। हिंसा में अनेक महिलाओं के मारे जाने की भी खबर है। इसी बीच धार्मिक पुलिस के एक उच्च अधिकारी की गोली मारकर हत्या भी कर दी गई। आंदोलन के दौरान महिलाओं ने सरेआम बाल काट कर ईरान सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया।

तीन सप्ताह से जारी है आंदोलन
ईरान में हिजाब के खिलाफ उग्र आंदोलन तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। ईरान सरकार से आंदोलनकारियों को शांत करने की कोशिश में जुटी है। हालांकि, आंदोलन पर काबू के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। इस बीच बाइडन ने कहा है कि अमेरिका ईरानी लोगों को आसानी से इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने के प्रयास कर रहा है। वहीं, सिविल सोसायटी के आंदोलन को कुचलने वाली मॉरल पुलिस व अन्य अधिकारियों को भी हिंसा का दोषी बता रहा है। 

राष्ट्रपति बाइडन ने जताई चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने बयान में कहा कि ईरान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की खबरों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हूं। ईरान में छात्र और महिलाएं समान अधिकारों और बुनियादी मानवीय गरिमा की मांग कर रहे हैं। वे न्यायसंगत और सार्वभौमिक सिद्धांतों की मांग कर रहे हैं।  इन अधिकारों का वर्णन यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणा पत्र में है। ईरान सरकार दशकों से अपने लोगों को मूलभूत अधिकारों से वंचित कर रही है। हिंसा व दमन के जरिए उन्हें कुचला जा रहा है। बाइडन ने कहा कि अमेरिका ईरानी की बहादुर महिलाओं व नागरिकों के साथ, जो विश्व को प्रेरणा दे रहे हैं। 

यूनिवर्सिटी छात्रों की गिरफ्तारी पर जताया रोष
उधर, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव करेन जीन-पियरे ने तेहरान में एक यूनिवर्सिटी में ईरानी सुरक्षा बलों की छापेमारी व विद्यार्थियों की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अमेरिका कार्रवाई करेगा। बता दें, रविवार को शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पिटाई की गई व कई को गिरफ्तार कर लिया गया। 

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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