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IPL के बेघर खिलाड़ी का इंटरव्यू:मुंबई इंडियंस के बैटर तिलक वर्मा बोले- मेरे पिता इलेक्ट्रीशियन, अपना घर तक नहीं; पहली कमाई से घर दिलाऊंगा

IPL मेगा ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने हैदराबाद के ओपनर तिलक वर्मा को 1.70 करोड़ रुपए में खरीदा। तिलक वर्मा के पिता इलेक्ट्रीशियन हैं। उनके पास अपना घर तक नहीं है। घर का खर्चा भी बड़ी मुश्किल से चलता है पर पिता ने तिलक के क्रिकेटर बनने के सपने में आर्थिक स्थिति को रोड़ा नहीं बनने दिया। तिलक और उनके बड़े भाई का सपने पूरा हो, इसके लिए उन्होंने अपनी इच्छाओं का भी त्याग किया।

तिलक वर्मा 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप की टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। अब तिलक IPL में मिलने वाली राशि से पिता को घर खरीदकर तोहफा देना चाहते हैं। दैनिक भास्कर ने तिलक वर्मा से उनके करियर में आने वाली चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं को लेकर बातचीत की है। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश… इंटरव्यू पढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लीजिए

सवाल: आपको मुंबई इंडियंस ने 1.70 करोड़ में खरीदा, इस राशि को आप कहां खर्च करेंगे?
जवाब
: मेरे पापा नम्बूरी नागराजू इलेक्ट्रीशियन हैं। घर का खर्चा भी मुश्किल से चलता था। हम दो भाई थे। बड़ा भाई पढ़ाई में करियर बनाना चाहता था, जबकि मैं क्रिकेटर बनना चाहता था। पिता ने हम दोनों के सपने पूरे करने के लिए कई त्याग किए हैं।

मुझे आज भी याद है कि जब मैं पिता से कोई सामान खरीदने के लिए कहता था तो वे मना नहीं करते थे, सिर्फ इतना कहते थे कि कुछ दिन का समय दे दो। फिर पापा कुछ दिनों में वह सामान लाकर दे देते थे। इसके लिए कई बार तो वे अपनी जरूरी चीजें भी नहीं खरीदते थे। मैं IPL से मिलने वाले पैसों से पापा और मम्मी को हैदराबाद में घर खरीदकर देना चाहता हूं।

सवाल: क्या आपको इतनी राशि मिलने की उम्मीद थी, क्या आप ऑक्शन देख रहे थे?
जवाब:
 मुझे इतनी राशि की उम्मीद नहीं थी। मैं अपने कोच सलाम बायश के साथ वीडियो कॉल पर ऑक्शन देख रहा था। मैं ओडिशा में रणजी खेलने गया था। जब मेरा नाम ऑक्शन के लिए आया और राजस्थान रॉयल्स ने बोली लगाई, उसके बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स ने भी मुझे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई तो मैं हैरान और बहुत नर्वस था।

मैं चाहता था कि मुझे मुंबई इंडियंस ही ले। जब मुंबई ने आखिरी बोली लगाकर अपने साथ जोड़ा तो मैं काफी खुश हुआ। फिर मैंने घरवालों से बातचीत की। वह सभी बेहद खुश थे। इतनी रकम मिलेगी, उन्हें यकीन नहीं था। मेरे पापा भावुक हो गए। वे कुछ भी कह नहीं पा रहे थे।

सवाल: आप मुंबई इंडियंस के साथ ही क्यों जाना चाहते थे? मुंबई में आपके फेवरेट खिलाड़ी कौन हैं?
जवाब: 
जब से IPL शुरू हुआ मैं मुंबई इंडियंस में सचिन सर और रोहित सर को फॉलो करता था। मैं सोचता था कि जब भी मुझे IPL में खेलने का मौका मिले, मैं मुंबई के लिए ही खेलूं। मैं शुक्रगुजार हूं कि मुंबई इंडियंस ने अपने साथ जोड़कर मेरी इच्छा पूरी की। रोहित सर और सचिन सर दोनों ही मेरे फेवरेट हैं। मैं रोहित सर के मार्गदर्शन में खेलने के लिए उत्साहित हूं।

सवाल: मुंबई इंडियंस में रोहित-ईशान की ओपनिंग जोड़ी मौजूद है। क्या आप अन्य बैटिंग क्रम पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हैं?
जवाब: 
मैं मिडिल ऑर्डर पर भी बल्लेबाजी करने लिए तैयार हूं। हैदराबाद के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट के दौरान मैंने मिडिल ऑर्डर में रन बनाए हैं। मैं टीम की जरूरत के मुताबिक किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी कर सकता हूं।

सवाल: आप हैदराबाद से हैं। हैदराबाद बैडमिंटन का गढ़ है। वहां से पीवी सिंधु, साइना नेहवाल जैसी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, फिर आप क्रिकेट में ही क्यों आए?
जवाब: 
मैं जब छोटा था, तब टीवी पर क्रिकेट देखता था। सचिन सर का फैन था, गली-मोहल्ले में खेलने के दौरान सचिन सर की बैटिंग स्टाइल की नकल करता था। 2007 में ही महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। देश में क्रिकेट का माहौल था। मेरी भी रुचि बढ़ी। गली-मोहल्ले में अच्छा खेलने पर अन्य बच्चों ने एकेडमी में जाकर खेलने के लिए प्रेरित किया। फिर मैं सलाम बायश सर के पास ट्रेनिंग के लिए जाने लगा।

तिलक वर्मा (दाएं से दूसरे) अपने माता-पिता (दाएं से तीसरे-चौथे), कोच (दाएं से पांचवें) और दोस्तों के साथ।

तिलक वर्मा (दाएं से दूसरे) अपने माता-पिता (दाएं से तीसरे-चौथे), कोच (दाएं से पांचवें) और दोस्तों के साथ।

सवाल- आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
जवाब-
 मेरे पापा इलेक्ट्रीशियन हैं। घर की आर्थिक स्थिती बहुत अच्छी नहीं थी। मेरे पास अपनी खुद की किट भी नहीं थी। कोच सर हमेशा मदद करते थे। दूसरे लड़कों से बैट, पैड, ग्लव्स लेकर देते थे। मैंने चार साल पहले जब सीनियर कैटेगरी में रणजी खेलना शुरू किया, तब मैच फीस से पहली बार मैंने अपने लिए बैट खरीदे।

तिलक वर्मा अपने कोच सलाम बायश के साथ।

तिलक वर्मा अपने कोच सलाम बायश के साथ।

सवाल: घरेलू क्रिकेट के बाद टीम इंडिया में जाने के लिए IPL बेहतर प्लेटफार्म है। आप इसे किस तरह से देखते है?
जवाब: मैं गली-मोहल्ले के मैच को भी गंभीरता से लेता हूं। IPL को लेकर मैं काफी गंभीर हूं। मेरा टारगेट है कि मौका मिलने पर मैं टीम की जीत में अपना योगदान हर तरह से दूं। मैं बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी करता हूं। मेरी कोशिश अपनी क्षमता के अनुसार 100 प्रतिशत प्रदर्शन करना है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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