International Driving Permit: अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अधिसूचना जारी कर IDP में किये कई बड़े बदलाव

अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (IDP) के संबंध में पूरे भारत में भारतीय नागरिकों की बेहतर सुविधा के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है। वर्तमान में, जारी किए जा रहे आईडीपी का प्रारूप, आकार, पैटर्न, रंग आदि भारत में सभी राज्यों में भिन्न था। इसके कारण, कई नागरिकों को विदेशों में अपने-अपने IDP के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
अब, इस संशोधन के माध्यम से, IDP के प्रारूप, आकार, रंग आदि को पूरे भारत में जारी करने और जिनेवा कन्वेंशन के अनुपालन में मानकीकृत किया गया है। आईडीपी को ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ने के लिए क्यूआर कोड का भी प्रावधान किया गया है। नियामक प्राधिकरणों की सुविधा के लिए विभिन्न सम्मेलनों और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में वाहन श्रेणियों की तुलना को भी जोड़ा गया है। हेल्पलाइन नंबर और ईमेल भी उपलब्ध कराए गए हैं।
भारत, 1949 के अंतर्राष्ट्रीय सड़क यातायात सम्मेलन (Geneva Convention) पर हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते इस कन्वेंशन के तहत प्रदान किए गए आईडीपी को जारी करने की आवश्यकता है। अधिसूचना के अनुसार, नियामक प्राधिकरणों की सुविधा के लिए विभिन्न सम्मेलनों और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में वाहन श्रेणियों की तुलना को भी जोड़ा गया है। बता दें आईडीपी की वैधता इसके जारी होने की तारीख से एक वर्ष या घरेलू लाइसेंस की वैधता जो भी पहले हो, होती है।
जानें क्या है अंतर्राष्ट्रीय सड़क यातायात पर जिनेवा कन्वेंशन
अंतर्राष्ट्रीय सड़क यातायात पर कन्वेंशन, जिसे आमतौर पर सड़क यातायात पर जिनेवा कन्वेंशन के रूप में जाना जाता है, एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो अनुबंध करने वाले दलों के बीच समान नियम स्थापित करके अंतरराष्ट्रीय सड़क यातायात के विकास और सुरक्षा को बढ़ावा देती है।
23 अगस्त से 19 सितंबर 1949 तक जिनेवा में आयोजित सड़क और मोटर परिवहन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा कन्वेंशन तैयार और हस्ताक्षर के लिए खोला गया था। यह अंतरराष्ट्रीय संधि 26 मार्च 1952 को लागू हुआ था।