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अमर उजाला संवाद में डॉक्टर बोले: कोरोना की तरह डेंगू पर नियंत्रण के लिए वैक्सीन की दरकार , BP की जांच भी जरूरी

सार

अमर उजाला कार्यालय चांदपुर में आयोजित संवाद में चिकित्सकों ने डेंगू पर नियंत्रण के लिए चर्चा की। कोरोना की तरह ही डेंगू की रोकथाम के लिए भी वैक्सीन की जरूरत बताई। 

अमर उजाला संवाद में चिकित्सक – फोटो : अमर उजाला

विस्तार

वाराणसी जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। चिकित्सकों ने कोरोना की तरह ही डेंगू की रोकथाम के लिए भी वैक्सीन की जरूरत बताई। साथ ही यह भी कहा डेंगू के मरीजों को समय-समय पर बीपी की जांच कराते रहनी चाहिए। अमर उजाला कार्यालय चांदपुर में आयोजित संवाद में चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू के संक्रमण की वजह से बीपी में उतार-चढ़ाव होने की संभावना अधिक रहती है। यह भी सतर्कता बरतने की जरूरत है कि घर के आसपास साफ-सफाई हो।

बता दें कि जिले में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही पिछले दो साल का रिकॉर्ड टूट गया है। इस समय मरीजों की संख्या बढ़कर 360 तक पहुंच गई है, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है। वर्ष 2020 में 15 जबकि 2021 में 352 मरीज मिले थे।

डेंगू की रोकथाम के लिए सावधानियां तो बरती जा रही हैं, लेकिन कोविड की तरह इसकी वैक्सीन भी सरकार को बनवानी चाहिए। डेंगू शॉक सिंड्रोम की वजह से हृदय रोग सहित अन्य बीमारियां भी होने का खतरा रहता है। – प्रो. ओमशंकर, हृदय रोग विशेषज्ञ, बीएचयू

ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के साथ ही एंटीबॉडी पर भी असर पड़ रहा है। जब भी किसी को डेंगू हो तो बिना चिकित्सक की सलाह के कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए। कोरोना की तरह इसकी भी वैक्सीन होनी चाहिए। – डॉ. आलोक भारद्वाज, बाल रोग विशेषज्ञ

महिला अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को भी डेंगू से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। साफ-सफाई के साथ ही खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। – डॉ. आरएन सिंह, रेडियोलॉजिस्ट, महिला अस्पताल कबीरचौरा

डेंगू पर नियंत्रण पाना बहुत आसान है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति बहुत उपयोगी है। चिकित्सक की सलाह पर लौंग, गुड़हल के साथ ही दूब का रस भी मिले तो पीना चाहिए। इससे बीमारी दूर हो सकेगी। – वैद्य सुशील कुमार दूबे, आयुर्वेद संकाय, बीएचयू

बीमारियों के निदान के बारे में जानना बहुत जरूरी है। डेंगू से बचाव के लिए हम सभी को पहले से ही तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। विशेषकर घर के आसपास पानी जमा न होने, स्वच्छता पर विशेष जोर देने की जरूरत है। – डॉ. रामानंद तिवारी, आयुर्वेद संकाय, बीएचयू

कोशिश तो यही होनी चाहिए कि किसी भी सूरत में लार्वा को पनपे ही नहीं। इससे बचाव के लिए खुद के घर के साथ ही पड़ोसियों के पास भी साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए। बीमारी के बारे में बचाव के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। – डॉ. अमित, बायरोलॉजिस्ट, स्वास्थ्य विभाग

दिन में भी पूरी बांह का कपड़ा पहनकर बाहर आना चाहिए। एनएस1 पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद से ही मरीजों की सेहत के प्रति सतर्कता बरतने की जरूरत है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक संक्रमण रहने की संभावना है। – एससी पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी

वायरल फीवर और डेंगू से ग्रसित मरीज के इलाज में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति भी कारगर है। चिकित्सक की सलाह पर लोगों को होम्योपैथिक अस्पताल आकर चिकित्सक को दिखाकर सही दवा लेनी चाहिए। – डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी

बुखार हो तो मरीज को अपनी तरफ से दवाएं नहीं देनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं दें। ध्यान देना जरूरी है कि घर के आसपास किसी भी सूरत में पानी जमा न हो। वैक्सीन आ जाए तो डेंगू पर नियंत्रण पाया जा सकता है। – डॉ. अतुल सिंह, मेडिकल ऑफिसर

डेंगू के दौरान सबसे अधिक मारामारी प्लेटलेट्स को लेकर होती है। अस्पताल में प्लेटलेट्स को लेकर भ्रांतियां और भय बहुत है। इससे बचाव के लिए मरीज की काउंसिलिंग भी बहुत जरूरी है। बुखार के दौरान ज्यादा सतर्कता बरतनी होती है। – आशुतोष सिंह, बीएचयू ब्लड बैंक

केवल प्लेटलेटस चढ़ाना ही डेंगू की बीमारी का इलाज नहीं है। समय-समय पर जांच बहुत जरूरी है। डेंगू में शुरुआती चार दिन कम परेशानी रहती है। इसके बाद बुखार बढ़ना शुरू होता है। डेंगू की वैक्सीन समय की मांग है। – डॉ. मनीष कुमार, फिजिशियन, दीनदयाल अस्पताल

शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत जरूरी है। नियंत्रण के लिए काढ़े का सेवन भी करते रहना हितकर रहेगा। आंवला सहित कई ऐसी औषधीय फल हैं, जिसका चिकित्सकों की सलाह पर सेवन करते रहना चाहिए। – डॉ. अजय कुमार, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, बीएचयू

डेंगू में शुरुआती चार दिन तक तो कम असर दिखता है, इसके बाद प्लेटलेट्स गिरना शुरू होता है। ऐसे मौके पर सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। मच्छरदानी भी लगाना बहुत जरूरी है। – डॉ. क्षितिज तिवारी, फिजिशियन, स्वामी विवेकानंद अस्पताल, भेलूपुर

होम्योपैथी चिकित्सा भी डेंगू नियंत्रण में उपयोगी है। कई ऐसी दवाइयां हैं, जिसका अगर चिकित्सक की सलाह से नियमित सेवन किया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। डेंगू की वैक्सीन आ जाए तो काफी राहत होगी। – डॉ. हिमांशु, होम्योपैथ चिकित्सक

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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