ज्ञानवापी : आदि विश्वेश्वर मामले हुई सुनवाई, विष्णु जैन ने दी दलील

वाराणसी। ज्ञानवापी आदि विश्वश्वर मामले मे किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद की सुनवाई श्रृंगार गौरी मूल वाद के साथ किये जाने के आवेदन पर जिला जज की अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है, इस मुद्दे पर श्रृंगार गौरी मामले की वादिनी लक्ष्मी देवी समेत चार महिलाओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु जैन ने दलील रखी।
कहा कि ज्ञानवापी से संबंधित मुकदमो को अपने पास स्थानांत्रित कर एक साथ सुनवाई की जाय क्योंकि सभी मुकदमो में विधि व तथ्य समान है ऐसे में सभी मुकदमो को एक साथ सुना जाय वही किरन सिंह की तरफ से भी जबाब में दलील रखना शुरू कर दिया गया है अधिवक्ताओ मानबहादुर सिंह, शिवम गौड़, अनुपम द्विवेदी की दलील थी कि जिन महिला वादियों को स्थानांतरण आवेदन देने का कोई अधिकार नहीं है,किसी अन्य मुकदमे में पक्षकार भी नहीं है ऐसे में सीपीसी की धारा 24 में स्थानांतरण आवेदन देने का कोई अधिकार नहीं है, सभी मुकदमो में अनुतोष अलग अलग है और पक्षकार भी अलग अलग हैं, ऐसे में न इनके मामले समेकित किये जा सकते हैं न स्थानांत्रित किये जा सकते हैं।
अदालत में दलीले जारी है और कोर्ट ने सुनवाई जारी रखते हुए बुधवार 21 दिसंबर की तिथि नियत कर दी। किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद में भगवान आदि विश्वश्वर को ज्ञानवापी का मलिकाना हक और तथाकथित मस्जिद के गुम्बद को हटाकर कब्जा दिए जाने की मांग की गई है।
ज्ञानवापी क्षेत्राधिकर को लेकर सुनवाई टली
वाराणसी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी प्रकरण सुनवाई के क्षेत्राधिकार के लेकर दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई टल गई है। इस मामले अगली सुनवाई दस जनवरी को होगी। इस मामले में पिछले तिथि पर कोर्ट ने शैलेन्द्र कुमार पाठक व जैनेन्द्र कुमार पाठक को पक्षकार बनाए जाने की अर्जी पर सुनवाई के लिए लंबित है।
वाद मित्र और मुस्लिम पक्ष की ओर से पहले ही आपत्ति दाखिल हो चुकी है। प्रकरण के अनुसार निगरानी कर्ता अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से जुलाई 2021 में निगरानी याचिका दाखिल की गई थी। कहा गया था कि लोअर कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उसकी सुनवाई के अधिकार लखनऊ वक्फ बोर्ड को है, सिविल न्यायालय को नहीं।
इसके बावजूद अवर न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करते हुए पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई जारी रखी और प्रतिवादी के क्षेत्राधिकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। जिसके बाद अंजुमन इंतजामिया ने लोवर कोर्ट के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल किया था।
इस मामले पिछले तिथि पर शैलेन्द्र कुमार पाठक व जैनेन्द्र कुमार पाठक ने पक्षकार बनाए जाने के लिए अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव के मार्फत प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर सुनवाई लंबित है। इस आवेदन पर वाद मित्र ने आपत्ति दाखिल कर खारिज करने की गुहार लगाई गई ।