Har Ghar Tiranga Campaign: कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने आर्गेनाइजर के लेख को लेकर सरकार पर साधा निशाना, केंद्र ने कहा- तिरंगे पर राजनीति न करें

बेंगलुरु, एजेंसी। Har Ghar Tiranga Campaign: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया (Siddaramiah) ने शुक्रवार को केंद्र के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा अब राष्ट्रीय ध्वज का जश्न मना रही है। जबकि इसकी वैचारिक माता-पिता आरएसएस एक समय में तिरंगे की घोर विरोधी थी। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को मनाने का अभियान देशभक्ति से प्रेरित है। विपक्षी नेताओं को इसके खिलाफ राजनीतिक हमले नहीं करने चाहिए।
आरएसएस कार्यालयों में फहराया जाए राष्ट्रीय ध्वज
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, ‘हमें भाजपा द्वारा चलाए जा रहे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन इससे पहले, उन्हें आरएसएस की सभी शाखाओं में राष्ट्रीय ध्वज फहराना अनिवार्य कर देना चाहिए।’ उन्होंने मांग की कि बेंगलुरु में केशव कृपा जैसे सभी आरएसएस कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए।
सिद्धारमैया ने यह भी दावा किया कि 1947 के आसपास आरएसएस पत्रिका ‘आर्गनाइजर’ में एक बार प्रकाशित होने वाले एक लेख में तिरंगे को ‘अशुभ चिन्ह’ के रूप में संदर्भित किया गया था। इस लेख को वापस ले लिया जाना चाहिए।
‘केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए’
सिद्धारमैया ने कहा, ‘केंद्र सरकार को राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान और संविधान के बारे में आरएसएस, जनसंघ, भाजपा और उससे जुड़े संगठनों द्वारा दिए गए असंगत बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय ध्वज को सूर्या तैय्यबजी, पिंगली वेंकैया, गांधीजी, नेहरू, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान देशभक्तों ने लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तैयार किया था। भाजपा और आरएसएस के पास राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अभियान चलाने का नैतिक स्टैंड नहीं होगा।’
पालिएस्टर से बने राष्ट्रीय झंडे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘तिरंगा स्वतंत्रता, लोकतंत्र और सच्चाई का प्रतिनिधित्व करता है। इन विचारधाराओं का विरोध करते हुए, आरएसएस और भाजपा अब प्रचार के लिए हर घर तिरंगा अभियान चलाने जा रहे हैं। ध्वज संहिता में कहा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज काटन से बने होने चाहिए। इसके विपरीत, पालिएस्टर कपड़े से इसे बनाने की अनुमति देकर तिरंगे की पवित्रता को महत्वहीन किया गया है।
ओवैसी ने तिरंगा अभियान पर उठाए सवाल
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार के तिरंगा अभियान पर सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा, ‘आर्गेनाइजर पत्रिका आरएसएस का मुखपत्र है। 1947 में 17 जुलाई को उनके मुद्दों में से एक ने देश के राष्ट्रीय ध्वज को भगवा करने की मांग की थी। आरएसएस का मुखपत्र यह कहता है और पीएम भी कहते हैं कि आरएसएस उनकी नींव है और उन्हें इससे प्रेरणा मिली।
पीएम मोदी ने 22 जुलाई को शुरू किया ‘हर घर तिरंगा अभियान’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया। ताकि लोगों को तिरंगा घर लाने और भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। राजनीतिक दलों के नेताओं के हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज राजनीति के लिए कोई मुद्दा नहीं था और इसे मनाने के अभियान में सभी को भाग लेना चाहिए। उन्होंने विपक्षी नेताओं से इस अभियान के खिलाफ राजनीतिक हमले नहीं करने का आग्रह किया।
हर कोई तिरंगे के साथ खड़ा है- रेड्डी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘विपक्ष की कोई नहीं सुनता। हर कोई तिरंगे के साथ खड़ा है। पूजा कर रहा है और सलाम कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव में भाग ले रहा है। मैं चाहता हूं कि हर कोई 15 अगस्त को इसमें भाग ले। मैं पार्टियों से (हर घर तिरंगा के खिलाफ) बयान देना बंद करने का आग्रह करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘यह राजनीति और सरकार की बात नहीं है। यह देश की, देश की 130 करोड़ जनता की, तिरंगा की, देशभक्ति की बात है।’
आजादी का अमृत महोत्सव क्या है?
आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 साल और अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक एक विशेष आंदोलन – ‘हर घर तिरंगा’ का आयोजन किया जा रहा है। आइए हम अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएं।’