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Ganesh Chaturthi 2022 : वैनायिकी व्रत श्रीगणेश चतुर्थी 31 और ढेलहिया चौथ 30 अगस्‍त को, नोट कर लें संपूर्ण विधान और मुहूर्त

सनातन धर्म में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायिकी वरद श्रीगणेश चतुर्थी का मान है। तिथि विशेष पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। शास्त्रीय मान्यता है कि इसी तिथि में भाद्र शुक्ल चतुर्थी को ही प्रथम आराध्य विघ्न विनाशक श्रीगणेश जी का जन्म मध्याह्न में हुआ था। इस बार प्रभु का जन्मोत्सव 31 अगस्त को मनाया जाएगा। चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 2.33 बजे लग रही जो 31 अगस्त को दोपहर 1.58 बजे तक रहेगी। इस बार गणेश चतुर्थी तिथि को शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। इससे वैनायिकी वरद श्रीगणेश चतुर्थी अपने आप में विशेष होगी।

ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार प्रभु का जन्मोत्सव महाराष्ट्र में सिद्धि विनायक व्रत तो तमिलनाडु मेें विनायक चतुर्थी और अन्य जगहों पर वैनायिकी वरद श्रीगणेश चतुर्थी व्रत के नाम से ख्यात है। प्रभु का जन्मोत्सव देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्र शुक्ल गणेश चतुर्थी तिथि 31 अगस्त पर प्रातः नित्य क्रिया से निवृत्त हो स्नानादि कर व्रत संकल्प किया जाता है। हाथ में जल-पुष्प, अक्षत लेकर मास, पक्ष, वार, तिथि का उच्चारण कर जन्म-जन्मांतर तक पुत्र-पौत्र, धन-विद्या, जय-यश, ऐश्वर्य-प्रभुत्व आदि की अभिवृद्धि को व्रत के लिए संकल्पित होना चाहिए। गणेश जी की स्थापना कर उनका मंत्र पढ़ ध्यान करना चाहिए। आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, पंचामृत स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, सिंदूर, भूषण आदि से पूजन करना चाहिए। नैवेद्य में 21 मोदक व 21 दुर्वा हाथ में लेकर दो-दो दुर्वा गणेश मंत्र के साथ अर्पित करना चाहिए।

सूत जी के अनुसार इस व्रत की प्रथा महाभारत काल से आरंभ हुई। कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने इस व्रत की महत्ता बताई थी। इसके प्रभाव से पांडवों ने कौरवों पर विजय प्राप्त कर राज्य को पाया था। वैसे तो इस व्रत को करने से मनुष्य के जीवन में आने वाले सभी विघ्न शांत होते हैं जिससे धन की, पुत्र की, सौभाग्य की, संपदा की, ऐश्वर्य व प्रभुत्व की सिद्धि स्वयं हो जाती है। इसी दिन से महाराष्ट्र में गणेशोत्सव आरंभ होता है।

ढेलहिया चौथ के एक दिन पहले लोकाचार : हर वर्ष वैनायिकी गणेश चौथ को ही ढेलहिया चौथ होता है, लेकिन इस बार ढेलहिया चौथ एक दिन पहले ही हो जाएगी। शास्त्र अनुसार गणेश जी का जन्म चतुर्थी के मध्याह्न में हुआ था और ढेलहिया चौथ के लिए भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्राश का होना जरूरी है। इसलिए इस बार गणेश चतुर्थी व्रत 31 को तो ढेलहिया चौथ 30 को ही होगी। इसमें चंद्र दर्शन से कलंक की मान्यता है। अतः इस बार ढेलहिया चौथ व हरितालिका तीज दोनों ही 30 अगस्त को मनाया जाएगा। ऋषि पराशर ने भाद्रपद शुक्ल चौथ को चंद्रमा को देखने पर दोष बताया है। इसमें सिंह राशि का सूर्य में शुक्ल पक्ष की चौथ को चांद को देखना मिथ्या दोष (कलंक) लगाता है। इस कारण 30 अगस्त को रात्रि चंद्राश 8.16 बजे होगा। अतः 8.16 के बाद ही आकाश की ओर आवश्यकता पड़ने पर देखना चाहिए। अन्यथा झूठे आक्षेप कलंक लग सकता है। अनजाने में जिन लोगों को चंद्र दर्शन हो जाए या भूलवश देख लें तो उसके निमित्त शास्त्रों में परिहार भी बताया गया है। इसके लिए विष्णु पुराण में दोष शांति का मंत्र का वर्णन है। इस मंत्र को पढें या स्यमंतक मणिक की कथा सुननी चाहिए।

द्वापर में सत्राजीत ने सूर्य की उपासना से सूर्य के समान प्रकाश वाली और प्रतिदिन आठ भार स्वर्ण देने वाली स्यमंतक मणि प्राप्त की थी। इसका निवास श्रीकृष्ण की द्वारिका पुरी में था। एक बार उसे संदेह हुआ कि शायद श्रीकृष्ण इस मणि को छीन लेंगे। यह विचार कर वह मणि अपने भाई प्रसेन को गले में पहना दिया। ईश्वरीय योग से वन में गए प्रसेन को सिंह खा गया और सिंह से वह मणि जामवान छीन ले गया। इससे भगवान श्रीकृष्ण पर कलंक लग गया कि मणि को लोभ में उन्होंने प्रसेन को मार डाला। तब भगवान श्रीकृष्ण ने जामवान को पराजित कर वह मणि लाकर सत्राजित को अर्पण किया। इससे भगवान का कलंक दूर हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में इस चंद्र दर्शन के परिहार के लिए अपने पड़ोस के घर में चार पांच ढेला फेकने से भी कलंक से मुक्ति मिलती है। एेसा शास्त्रीय मत नहीं है लेकिन लोकाचार में प्रचलित है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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