Flood in Varanasi : 22 घंटे की स्थिरता के बाद गंगा के जल में घटाव शुरू, फिर भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में कायम हैं दुश्वारियां

22 घंटों से गंगा के जलस्तर में आई स्थिरता घटाव में बदलने लगी। मंगलवार की रात आठ बजे राजघाट पर जलस्तर 72.13 मीटर पर आ गया। केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा प्रखंड कार्यालय के अनुसार गंगा के जलस्तर में एक सेमी प्रति घंटा की दर से घटाव शुरू हो गया है। फिलहाल गंगा खतरे के निशान से 87 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थीं।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दुश्वारियां कायम हैं। गंगा में बाढ़ के पानी के वरुणा में पलट प्रवाह से वरुणा भी काफी बढ़ी हुई हैं। इससे तटीय मोहल्लों व गांवों में स्थिति बदतर बनी हुई है। शहर में अनेक मोहल्लों में नाव चल रही है तो प्रभावित मोहल्लों के लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। यहां तक कि विश्व विख्यात श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर की चौखट तक पानी पहुंच चुका है। गंगा के तटवर्ती गांवों में किसानों की खेती भी पानी में डूब कर बर्बाद हो चली है। फाफामऊ व प्रयागराज में तीन दिन पहले गंगा-यमुना का जलस्तर स्थिर होने के बाद से ही वाराणसी में भी जलस्तर में कमी की संभावना जताई जा रही थी।
सोमवार रात 10 बजे गंगा के जलस्तर में वृद्धि थमी और बाढ़ का पानी 72.14 सेंटीमीटर पर पहुंचकर स्थिर हो गया था, जो मंगलवार की रात आठ बजे एक सेमी कम हो गया। जलस्तर में घटाव की खबर से तटवर्ती लोगों के साथ ही पुलिस-प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। हालांकि जानकारों का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही वर्षा के चलते उधर का पानी तीन-चार दिनों बाद फिर इधर पहुंच सकता है। संभावना है कि तब एक बार फिर जलस्तर में बढ़ाव देखने को मिले।