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Flood in Varanasi : चेतावनी बिंदु से करीब साढ़े तीन मीटर नीचे गंगा का जलस्तर, सड़कें-गलियां हो गई क्षतिग्रस्त

बाढ़ का पानी तो खत्म हुआ लेकिन घाटों पर दुश्वारियां छोड़ गया है। घाट की सीढ़ियों पर मिट्टी के साथ दुर्गंधयुक्त गंदगी भी है। रविवार रात 10 बजे तक पानी चेतावनी बिंदु से 3.422 मीटर नीचे आ गया था। पानी घटने के बाद मिट्टी हटाने का काम रविवार से शुरू कर दिया गया। पानी हटने के बाद पता चल रहा कि घाट की तरफ जाने वाले रास्ते पर लगे पत्थर भी बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सड़ांध फैल रही है।

शवदाह के लिए पहुंच रहे लोगों को कीचड़ और फिसलन का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिकाघाट पानी उतरने के बाद सिल्ट से पटा है। नमो घाट समेत अन्य घाटों का भी यही हाल है।

पानी घटते ही संक्रामक रोग का खतरा बढ़ा

गंगा और वरुणा के तटीय क्षेत्रों से बाढ़ का पानी तेजी से कम हुआ है। सारनाथ क्षेत्र के रुप्पनपुर, सलारपुर, पुल्कोहना, दनियालपुर क्षेत्र में बाढ़ का पानी कम होने से फिसलन, गंदगी व दुर्गंध सामने है। इन क्षेत्रों में अब संक्रामक रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।

पंचकोसी के दानियालपुर की शाहनवाज बानो, राजा राम, रुप्पनपुर की सोनी,अंजू, पुल्कोहना के शंकर फातिमा बीबी का कहना है कि बाढ़ का पानी जरूर कम हो गया है लेकिन अभी घरों में रहने लायक नहीं है। कीटनाशक दवा का छिड़काव न होने से मच्छरों का प्रकोप बना हुआ है।

खुद ही गंदगी साफ करने में जुटे लोग

पंचकोसी रुप्पनपुर इलाके में बाढ़ का पानी कम होने के बाद सफाई कर्मी नहीं पहुंचे तो सोनी, अंजू, तनु, अमरावती, मुन्ना यादव आदि खुद ही सड़कों व गलियों में जमी कीचड़ व गंदगी को साफ करने में जुटे रहे। सारनाथ के सलारपुर प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ राहत शिविर में 40 परिवार में से अब केवल तीन रह गए हैं। अभी उनके मकानों में बाढ़ का पानी अभी भी जमा है।

गांवों में हरे चारे की समस्या

हरहुआ विकास खंड के विभिन्न गांवों में पशुओं के हरे चारे की समस्या बढ़ गई है। बाजरा, उतैला, मूंग, तिल्ली, धान ,गन्ना व चरी की फसलें डूबकर सड़ गई हैं। यही हाल ढाब क्षेत्र का भी है।

बुखार, खांसी व त्वचा रोगों का प्रकोप

बाढ़ का पानी उतरने के बाद सड़कों-गलियों किनारे गड्ढों में जमा पानी सड़ रहा है। इसमें मच्छर भी भनभना रहे हैं। इससे प्रभावित रहे इलाकों में बुखार, खांसी, एलर्जी व त्वचा की बीमारी फैलने लगी हे। पीएचसी प्रभारी हरहुआ के अनुसार वायरल बुखार के मरीज अधिक हैं। वरुणा तटीय क्षेत्र में मलेरिया, आंख दर्द व पेट से जुड़ी बीमारियां फैलने की आशंका है।

अभी खेतों में भरा है पानी

राजातालाब क्षेत्र में बाढ़ग्रस्त इलाकों से पानी लौटने की रफ्तार काफी धीमी है। खेतों में अभी पानी भरा है। पानी सूखते-सूखते सितंबर बीत जाने की संभावना है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh

Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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