Flood In Varanasi : घटने के बाद दोबारा बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, जान लें कहां से आ रहा गंगा में पानी

गंगा नदी का जलस्तर घटने के बाद दोबारा बढने लगा है। नदी में बढ़ाव का संकेत पूर्व में ही था। लेकिन, कम होते जलस्तर के बाद लोग सतर्कता से परे हो चले थे। अब बारिश और पहाड़ों के अलावा बांध से छोड़े गए पानी का प्रवाह पहुंचने की वजह से गंगा का जलस्तर दोबारा चुनौती की ओर हो चला है। वहीं अलीगढ़ में भी गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु के करीब पहुंच चुका था। अब यह अगले कुछ घंटों में वाराणसी में पहुंचने की ओर है।
सुबह आठ बजे राजघाट पर केंद्रीय जल आयोग की ओर से लिए गए आंकड़ों के अनुसार अब गंगा का जलस्तर दोबारा बढ़ाव की ओर हो चला है। इस समय गंगा का जलस्तर 69.20 के करीब दोबारा पहुंच चुका है। जबकि बढ़ाव का स्तर आगे जारी रहा तो 24- 48 घंटों में नदी का जलस्तर दोबारा चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच जाएगा। इस दौरान कुल 27.4 मिमी तक बारिश भी दर्ज की गई है जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ने में मदद मिली है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर 70.262 मीटर और खतरा बिंदु 71.262 मीटर है। जबकि सुबह आठ बजे 69.19 मीटर पर गंगा का जलस्तर रहा। इस सम 0.91 सेमी प्रतिघंटे की गति से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं कुल 11 सेमी प्रति 12 घंटे की गति से गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है। इसकी वजह से तटवर्ती इलाकों में दोबारा दहशत का माहौल बनने लगा है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर माना जा रहा है कि चंबल नदी की वजह से बढ़ रहा है। चंबल नदी में इन दिनों 1996 के बाद दूसरी व्यापक बाढ़ आई हुई है। जिसका पानी औरैया-इटावा जिले में यमुना से मिलता है और यमुना का पानी प्रयागराज में आकर गंगा में मिलता है। जिसकी वजह से गंगा का पानी आगे और भी बढ़ने लगा है। माना जा रहा है कि जल्द ही गंगा का पानी और भी बढ़ सकता है। क्योंकि, मानसून आगे और भी सक्रिय होने की उम्मीद मौसम विज्ञानियों ने जताई है।
गंगा में छोड़ा गया 11 लाख क्यूसेक पानी : धौलपुर बैराज व माता टीला डैम से लगभग 11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा में बाढ़ आने की संभावना बढ़ गयी है। सोमवार के दिन चंबल नदी पर बने धौलपुर बैराज से लगभग सात हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं बेतवा नदी पर बने माता टीला डैम से लगभग चार लाख पानी छोड़ा गया है।