Flood in Varanasi : गंगा का लौट रहा पानी दे रहा हैरानी, कीचड़ ही नहीं मच्छर और दुर्गंध से पट गए तटवर्ती इलाके

गंगा की बाढ़ का पानी गुरुवार को तेजी से उतरने लगा। गंगा व वरुणा तटवर्ती इलाकों में पानी सरकने लगा। सामने घाट-रमना की कालोनियों व पुलकोहना आदि मोहल्ले जलाजल जरूर हैं लेकिन जहां चार-छह फीट तक पानी लगा था, आधा हो गया तो कहीं सड़कें जलमुक्त हो गईं। पानी कम होने से बाढ़ का दायरा सिमट रहा जिससे सड़कों-गलियों में कीचड़ दिख रहा। गड्ढों में जहां कहीं पानी भरा है मच्छर भनभना रहे हैं और दुर्गंध अलग से आ रही है।
ढाब इलाके में खेतों से पानी सरक रहा तो अब फसलें सड़ांध मारने लगी हैं, दूसरी ओर कटान भी तेज हो गई है। वरुणा तटवर्ती क्षेत्रों में भी पानी सरक रहा और कचड़ा छोड़ रहा। मणिकर्णिका हो या हरिश्चंद्र घाट, अभी भी शवों के दाह संस्कार की समस्या बनी हुई है। पानी तो घटने लगा है लेकिन दुश्वारियां अभी कम नहीं हुई हैं। हालांकि, सुबह दस बजे तक गंगा करीब दस सेंटीमीटर तक प्रति घंटे की गति से कम होने लगी हैं।
गंगा और वरुणा नदियों के आसपास के क्षेत्र, जो अस्सी घाट और नमो घाट के बीच स्थित हैं, अभी भी जलमग्न हैं। पानी सड़कों से सरक चुका है लेकिन घाटों की सीढ़ियां और शवदाह के प्लेटफार्म अभी भी डूबे हुए हैं। जिले में 21 बाढ़ राहत शिविर चल रहे हैं, जिसमें 874 परिवारों के कुल 4,267 लोग रह रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए 40 चिकित्सा दल बनाए गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया था और राहत सामग्री वितरित की थी।
विपक्षी दलों ने घेरा : पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि वाराणसी बाढ़ ग्रस्त है और सरकार सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित है। गंगा, असि, वरुणा तटवर्ती क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं। आमजनजीवन अस्त-व्यस्त है। पानी घटने के बाद डेंगू, मलेरिया आदि रोगों की आशंका बढ़ गई है। सरकार व उनके जनप्रतिनिधि सिर्फ फ़ोटो व आंकड़ों तक सीमित हैं। नगवा बाढ़ राहत केंद्र में करेंट से एक महिला की मौत हो गई। ऐसी तमाम लापरवाही सामने आ रही हैं। रोजमर्रा की वस्तुओं का वितरण सरकार द्वारा हर क्षेत्रों में होना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि तत्काल व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। सहयोग हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। जिस गरीब का घर नुकसान हुआ हो, मुआवजा मिले।