CWG 2022: चार पदक विजेताओं के देश अलग, पर हैं सारे पंजाबी; हैवीवेट कुश्ती में पोडियम पर दिखा अद्भुत नजारा

जेएनएन, जालंधर। बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स-2022 में टाप हैवीवेट 125 किग्रा भार वर्ग (पुरुष) मुकाबलों में पंजाबियों की ही बल्ले रही। जब विजेताओं को पदक देने की बारी आई तो पोडियम पर अद्भुत नजारा था। स्टेज पर स्वर्ण, रजत और दो कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी खड़े थे। चारों के देश अलग-अलग थे लेकिन एक बात कामन थी। वह यह कि सभी विजेता मूल रूप से पंजाबी थे। की मिट्टी से जुड़े। चारों पहलवानों के स्वजन वर्ष 1947 में देश के बंटवारे से पहले पंजाब में ही रहते थे।
कनाडा के अमरवीर ढेसी ने फाइनल में पाकिस्तान के जमां अनवर को हराकर स्वर्ण पदक जीता। अनवर को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। कांस्य पदक के लिए भारत के मोहित ग्रेवाल ने जमैका के आरोन जानसन को हराया तो इंग्लैंड के मनधीर कूनर ने मारीशस के केंसली मैरी को हराकर कांस्य पदक जीता। पदक समारोह के दौरान विजेता मंच पर खड़े चारों पहलवान अमरवीर ढेसी, जमां अनवर, मोहित ग्रेवाल और मनधीर कूनार मूल रूप से पंजाबी थे।
गोल्ड मेडलिस्ट अमरवीर के पिता जालंधर से कनाडा गए
अमरवीर ढेसी का पैतृक गांव चड्डे भारतीय पंजाब के जालंधर जिले के सांगवाल में है। उनके पिता बलबीर ढेसी भारत में रहते हुए ग्रीको-रोमन और रुस्तम-ए-हिंद में राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं। 80 के दशक की शुरुआत में ढेसी परिवार कनाडा शिफ्ट हो गया था। अमरवीर 2014 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप और इस साल पैन अमेरिकन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं।
कुश्ती का मक्का है पाकिस्तानी पंजाब का गुजरांवाला
जमां अनवर पाकिस्तानी पंजाब के गुजरांवाला के रहने वाले हैं। 31 साल के इस पहलवान ने वर्ष 2016 में सैफ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। पाकिस्तान में गुजरांवाला को कुश्ती का मक्का कहते हैं और वहां से बड़े-बड़े पहलवान निकले हैं।
मूल रूप से जालंधर का मनधीर कूनर का परिवार
भारत के कांस्य पदक विजेता मोहित ग्रेवाल का गांव हरियाणा के भियानी के पास बमला है। 1966 से पहले यह इलाका भी पंजाब का हिस्सा था। देश के विभाजन के समय पंजाब को भारत और पाकिस्तान में बांटा गया था। हालांकि बाद में 1956 में भारतीय पंजाब से हिमाचल प्रदेश और 1966 में हरियाणा राज्य को अलग किया गया था। इंग्लैंड के लिए खेलने वाले मनधीर कूनर का परिवार भी मूल रूप से जालंधर जिले का रहने वाला है। 26 वर्षीय मनधीर का यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पदक है।