Corona Infection in Varanasi : बीएचयू कुलपति समेत 11 कोरोना पाजिटिव, जिले में 40 कोविड संक्रमित

जागरण संवाददाता, वाराणसी : बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर के जैन कोरोना संक्रमित हो गए हैं। दो दिन पहले रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद से कुलपति होम क्वारंटाइन हो गए हैं। पीआरओ डा. राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कुलपति प्रो. जैन होम आसोलेशन में हैं।
इसके अलावा मंगलवार को विभिन्न केंद्रों से जारी रिपोर्ट के अनुसार सात साल की बच्ची समेत 11 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव रही। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। उन्हें होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है। हालांकि फालोअप रिपोर्ट में पांच मरीज स्वस्थ हुए हैं। वास्तव में 3083 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। वहीं 3110 लोगों की प्राप्त जांच रिपोर्ट में 3099 निगेटिव पाए गए।
कोरोना संक्रमितों में शहर के साथ ग्रामीण इलाकों के लोग भी हैं। पाजिटिव 11 मरीजों में बड़ादेव गोदौलिया निवासी सात साल की बच्ची भी है। बरेका में एक व्यक्ति व बीएचयू में महिला भी कोरोना संक्रमित पाई गई है। कोविड रिकवरी की रेट 99.61 व पाजिटिव रेट .35 हो गई है।
हटाया गया बीएचयू में बना अस्थायी कोरोना अस्पताल
कोरोना का इलाज करने के लिए बीएचयू के एम्फी थियेटर में बने अस्थायी कोरोना अस्पताल अब उखड़ गया है। इस अस्पताल के उखड़ने से उम्मीद लगाई जा रही है कि कोरोना की चौथी लहर असरदार नहीं होगी। हालांकि ऐतिहात के तौर पर बीएचयू के सर सुदंरलाल अस्पताल के साथ ही पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल अस्पताल में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। साथ ही अन्य अस्पतालों को भी अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है।
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर ने अचानक ही बहुत तबाही मचाई थी।
देशभर में अस्पताल व बेड कम पड़ने लगे थे। कोरोना काल में वही अस्पताल लोगों के काम आए जो 4-5 साल पहले बने थे। इसमें अहम योगदान बीएचयू के एसएस अस्पताल स्थित शताब्दी सुपर स्पेशिलियटी ब्लाक, टाटा कैंसर अस्पताल, इएसआइसी अस्पताल का रहा। साथ ही रक्षा मंत्रालय ने कम दिनों में ही 750 बेड का बीएचयू के एम्फी थियेटर में तंबू में ही अस्पताल खड़ा कर दिया था। इस अस्पताल काे पंडित राजन मिश्र का नाम दिया गया है। इसमें 500 सामान्य व 250 बेड आइसीयू के थे। इसमें आक्सीजन की भी दो लाइन से निर्बाध आपूर्ति की जा रही थी। इसके लिए तीन आक्सीजन प्लांट लगाए गए थे।
यह अस्पताल मई 2021 में ही तैयार कर लिया गया था। इसके बाद दिसंबर में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हुई। हालांकि तब तक अधिकतर लोग कोरोना की वैक्सीन लगवाकर अपने व अपने परिवार को सुरक्षित कर चुके थे। यही कारण कि ही कोरोना की तीसरी लहर में अधिक चेन नहीं बन पाई। कोरोना की असर भी नहीं हुई। अब लगभग चौथी लहर शुरू हो गई है, लेकिन यह भी बेअसर ही साबित हो रही है। हालांकि कुछ दिनों में मामले अधिक बढ़ रहे हैं।