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Booker Prize 2022 : वाराणसी में ‘रेत समाधि’ की भाषा को लेकर हुई थीं काफी टिप्पणियां, पुस्तक प्रकाशन के बादआई थीं गीतांजलिश्री

जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की प्रो. आभा ठाकुर बताती हैं कि ‘रेत समाधि’ के प्रकाशन के चार-पांच माह बाद सात अप्रैल 2018 में आइआइटी और कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में प्रो. संजय कुमार के संयोजन में ‘रेत समाधि’ पर परिचर्चा का आयोजन था। उसमें लेखिका गीतांजलि श्री भी उपस्थित थीं। विद्वानों ने उपन्यास की भाषा पर काफी तीखी टिप्पणियां की थीं।

ठाकुर बताती हैं कि ‘रेत समाधि’ की भाषा लेखिका का अपने आप में एक अनूठा और अभिनव प्रयोग है। यह भाषा हिंदी की सुपरिचित भाषा संयोजन से बिल्कुल अलग रूप में दिखती है। इसे हिंदी साहित्य में प्रचलित अब तक के भाषा प्रयोगों से सर्वथा अलग कहा जा सकता है। यह एक बढ़िया समालोचनात्मक कार्यक्रम था, जिसमें भाषा की आलोचना थी तो कथ्य की सराहना भी। अंत में जब गीतांजलि श्री बोलीं तो उनके उद्बोधन में तीखी टिप्पणियों को लेकर कोई आहत भाव नहीं दिखा। उन्होंने टिप्पणियों को काफी सकारात्मक भाव में ग्रहण किया था।

संपूर्ण दक्षिण एशिया के लिए गौरव की बात है कि एक हिंदी उपन्यास के अनुवाद को बुकर मिला

प्रतिष्ठित लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘टांब आफ सैंड’ को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलने से हिंदी साहित्य जगत में हर्ष की लहर है। प्रख्यात साहित्यकार काशीनाथ सिंह गीतांजलि श्री को बधाई देते हुए कहते हैं कि यह हिंदी ही नहीं, संपूर्ण दक्षिण एशिया के लिए गौरव की बात है कि एक हिंदी उपन्यास के अनुवाद को बुकर मिला। वह कहते हैं कि ‘रेत समाधि’ सरहदों की अस्वीकार्यता का कथानक है। दिल्ली में प्राय: गीतांजलि से मुलाकात होती रही है, वह एक संभ्रांत, सुशिक्षित व मितभाषी महिला हैं। उनके लेखन में दर्शन का पुट मिलता है। ‘रेत समाधि’ अपने ढंग का अनूठा उपन्यास है। इसकी भाषा काफी प्रांजल है जो आम पाठकों के मनोनुकूल नहीं।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर डा. सदानंद शाही ने कहा कि गीतांजलि श्री काफी प्रतिष्ठित लेखिका हैं। वाराणसी अक्सर उनका आना-जाना रहा है। उनके पति ख्यात इतिहासकार सुधीरचंद्र बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में कुछ दिनों तक अध्येता के रूप में रहे थे। उस बीच भी एकाध बार उनका यहां आगमन हुआ था। उनके उपन्यास को मिला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार पूरे हिंदी जगत का सम्मान है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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