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Boat Accident In Ghazipur : नाव हादसे में लापता सभी लोगों के शव गुरुवार सुबह बरामद, 22 अन्‍य की मुश्किल से बची थी जान

जिले में नौका हादसे में मृत लोगों का जहां गुरुवार को अंतिम संस्‍कार कर दिया गया वहीं लापता लोगों की तलाश सुबह भी जारी रही। मगर बाढ़ के पानी में लोगों की तलाश में काफी मुश्किल भी आ रही है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि तलाश व्‍यापक स्‍तर पर जारी है। 

रेवतीपुर गांव अठहठा के पास नाव हादसा में सुबह आठ बजे से दोबारा राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। जिसमें पांच लापता लोगों ने दो किशोर का शव पानी से निकाला गया जिसमें अमित पासवान पुत्र विजय शंकर (8) और सत्यम गौड़ पुत्र डब्लू (15) का शव पहले मिल गया। वहीं थोड़ी ही देर बाद संध्या पुत्री अनिल पासवान (8) और खुशहाल पुत्र दयाशंकर (11) का भी शव मिला गया। वहीं दोपहर तक अलीशा का भी शव बरामद कर लिया गया। इस प्रकार बुधवार को दो और गुरुवार को पांच शव मिलाकर कुल साल शव बरामद होने के बाद राहत और बचाव कार्य बंद कर दिया गया। जबकि बुधवार को ही डबलू गोंड़ और नगीना पासवान का शव बरामद कर लिया गया था। जबकि नाविक तैर कर किनारे आ गया था। 

अठहठा गांव से बाजार कराने नौली गई 30 लोगों से भरी इंजन चालित नाव लौटते समय कुछ ही दूरी पर ओवरलोड के कारण पलट गई। इसमें सवार दो की मौत हाे गई हैं, वहीं पांच मासूम बच्चों की अभी भी तलाश चल रही है। नाविक ने तैर कर किसी तरह अपनी जान बचा ली। इसके अलावा 22 लोगों को स्थानीय ग्रामीणों की तत्परता से बचा लिया गया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया और देखते ही देखते लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। देर शाम जिलाधिकारी एमपी सिंह और पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बाेत्रे पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली।

गंगा में आई बाढ़ के कारण अठहठा गांव चारों तरफ से घिर गया है, जिससे अन्य गांवों से उसका संपर्क कट गया है। ऐसे में गांव के लोग नाव से ही बाहर आ और जा रहे हैं। बुधवार को प्रशासन द्वारा लगाई गई इंजन चालित छोटी नाव खड़ी थी। देर शाम इसी नाव पर सवार होकर गांव के करीब 30 लोग जिसमें 15 पुरूष, 10 महिला और पांच बच्चे पास के ही गांव नौली बाजार करने गए थे। यहां से बाजार कर सभी करीब साढ़े चार बजे सायं लौट रहे थे। नाविक सभी लोगों को लेकर चला ही था कि कुछ ही दूरी पर नाव ओवरलोड होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई।

नाव की सवारी पड़ी भारी : नाव में सवार सभी लोगों ने संभलने का प्रयास किया, लेकिन गहराई अधिक होने के कारण सभी डूबने लगे। नाविक राम सिंह मल्लाह तैर कर अपनी जान बचा ली। दो शव बुधवार को बरामद कर लिए गए तो देर रात तक इनकी खोजबीन चलती रही। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी लेने के साथ ही मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

गांव के नजदीक हादसा : अठहठा काफी छोटा गांव है। गांव में आने-जाने के लिए तीन रास्ते हैं, लेकिन सभी मार्ग पर पानी भर जाने के कारण अन्य गांवों से इसका संपर्क टूट गया है। लोगों को आने-जाने के लिए प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था की गई है। अठहठा गांव से बाजार की दूरी मात्र करीब दो सौ मीटर है, लेकिन बीच की गहरी खाई ने कईयों को अपनों से काफी दूर कर दिया। आमने-सामने एक-दूसरे को देख रहे लोगों को यकीन भी नहीं हो पा रहा है कि गांव के इतने नजदीक इतना बड़ा हादसा हो गया है।

बच्चे जिद कर नाव पर हो गए थे सवार : अठहठा गांव के लोग जब नौली बाजार करने नाव से जा रहे थे, तो नाव को देखकर उनके बच्चे भी जिद करने लगे। उनके स्वजन ने मना भी किया, लेकिन उनके जिद के कारण सभी को बैठा लिए। इसमें डबलू गोड़ का पुत्र सत्यम भी था। डबलू की मौत हो गई है, वहीं सत्यम अभी भी लापता है। लापता सभी बच्चों के स्वजन टकटकी लगाए हुए बैठे हुए हैं कि शायद उनका लाडला बच जाएगा।

आसपास के गांवों में भी पसरा सन्नाटा : नाव हादसा होन के बाद अठहठा ही नहीं, बल्कि पास के नौली, उतरौली, त्रिलोकपुर सहित कई गांवों में सन्नाटा पसर गया। सभी लोग इसी हादसे की चर्चा करते रहे, जो भी इस मंजर को देखा, उसका कलेजा कांप गया। नौली चट्टी पर तो देर शाम तक लोगों की भीड़ जमा रही।

डीएम-एसपी पहुंचे तो लग गया जमावड़ा : मुख्यमंत्री का कार्यक्रम समाप्त हाेने के बाद देर शाम जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे पूरे दलबल के साथ पहुंचे। इतना बड़ा हादसा और आलाधिकारियों के देर से पहुंचने को लेकर मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। लाेग दोनों शीर्ष अधिकारियों से पीड़ित स्वजन को उचित सहायता देने की मांग करते रहे।

बचा लिया 22 लोगों को : नाव से बाजार कर अपने घर अठहठा जा रहे 30 लोगों से भरी छोटी नाव जैसे ही डूबी, वहां मौजूद दर्जनों की संख्या में ग्रामीण देवदूत बनकर बचाव के लिए कूद गए। इसमें ज्यादातर लोगों के पास टायर और ट्यूब था, जिसके सहारे तैर कर लोगों को गहरे पानी से बाहर निकाल लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नाव में सवार होने के बाद सभी हंशी-खुशी जा रहे थे। जैसे ही नौली से नाव चली कुछ ही दूरी पर पलट गई। यह देख वहां खड़े लोग हतप्रभ रहे गए। लोग सोच ही रहे थे कि वहां मौजूद अजीत, संतोष, अरविंद, दशरथ, भुआल, प्रदुम्न, राकेश, रामबरन डूबे लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए। बाढ़ को देखते हुए ग्रामीण आसपास टायर और ट्यूब रखे हुए थे, जो बहुत काम आई। डूबते लाेगों की चीख-पुकार देखकर वहां मौजूद कोई अपने को रोक नहीं पाया। दूरी काफी कम व पानी के बहाव के कारण कुछ लोग तो स्वत: ही किनारे चले आए, जिसे ग्रामीणों ने बाहर खींच लिया। वहीं टायर व ट्यूब के सहारे युवकों ने डूब रहे अन्य लाेगों को बचाकर सकुशल न सिर्फ बाहर निकाला बल्कि उनके घर तक पहुंचा दिया। युवकों के इस कार्य को जो भी सुन रहा था, सभी प्रशंसा कर रहे थे।

तीन हजार की आबादी एक छोटी डोंगी : बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री के सारे निर्देश को सेवराई तहसील प्रशासन ने धत्ता बताते हुए गांव वालों के लिए छोटी नाव भेज दी, जो ग्रामीणों के लिए काल बन गई। करीब तीन हजार आबादी के गांव अठहठा में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। सेवराई तहसील प्रशासन ने गांव के लिए एक डेंगी मुहैया कराई थी, जिससे लोग 200 मीटर दूर नौली बाजार में समान की खरीदारी के लिए आवाजाही करते थे। ग्रामीणों का कहना है कि नाव छोटी थी और उस पर पुरुष, महिला व बच्चों को लेकर कुल 30 लोग सवार थे। छोटी होने के कारण नाव लोगों का वजन सह नहीं पायी और कुछ दूर जाने के बाद ही डगमगाने लगी। जब तक लोग संभलते नाव पलट गई और लोग डूबने लगे। ग्रामीणों ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि तहसील के प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ हवा में बाढ़ की तैयारी का दावा करते रहे। बुधवार को मुहम्मदाबाद में बाढ़ पीड़ितों से मिलने आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को न सिर्फ सतर्क किया बल्कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतने की हिदायद दी, लेकिन अफसरों ने इससे सीख नहीं ली। शायद यही वजह है कि हादसा हो गया।

बाढ़ के पानी में डूबकर अधेड़ की मौत : जमानिया थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर बाण में बुधवार की देर शाम बाढ़ के पानी में डूबने से गांव निवासी गंगा यादव की मौत हो गई। स्वजन मौके पर पहुंचे पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया। गंगा यादव शाम को चार बजे अपने घर से कुछ ही दूर स्थित खेत में पशुओं के लिए चारा काटने गए थे काफी देर तक घर न लौटने के कारण स्वजन चिंतित हो गए और खोजने के लिए निकल पड़े तो कुछ दूर पर बाढ़ के पानी में गिरे हुए मिले उन्हें पानी से बाहर निकालकर निजी चिकित्सालय ले गये जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर कोतवाली पुलिस, कानूनगो व क्षेत्रीय लेखपाल मौके पर पहुंच गये और आवश्यक कार्यवाई में जुट गये। विधायक प्रतिनिधि मन्नू सिंह ने मौके पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मदद का भरोसा दिया। अतिरिक्त कोतवाली प्रभारी शिवप्रताप वर्मा ने बताया कि मृतक डेरा से गांव स्थित घर आ रहे थे तथा बाढ का पानी चारों ओर फैले होने के कारण डूब गये। शव को अन्त्यपरीक्षण हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया गया है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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