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सेना की तीनों विंग में सवा लाख पद खाली:वाराणसी में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता बोलीं- शौर्य के नाम पर BJP वोट मांगती है, सैनिकों के हितों पर चोट करती है

वाराणसी में पत्रकारों से बात करती कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, विजेंदर सिंह और स्थानीय नेता

वाराणसी में शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब भी हम अपनी सेना को याद करते हैं तो हमारा मस्तक गर्व से ऊंचा हो जाता है। लेकिन, मोदी सरकार और भाजपा एक तरफ तो सेना की कुर्बानी और शौर्य का इस्तेमाल अपने राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए करते हैं। वहीं, दूसरी ओर सेना और सैनिकों के हितों पर कुठाराघात करते हैं। बता दें कि सुप्रिया श्रीनेत और पूर्व ओलिंपियन व कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह आज वाराणसी आए थे।

सुप्रिया ने आंकड़े पेश कर रखी अपनी बात

  • 13 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि सेना की तीनों विंग में 1,22,555 पद खाली हैं। इनमें से लगभग 10,000 पद सैन्य अधिकारियों के हैं।
  • वन रैंक वन पेंशन (OROP) पर 30 लाख पूर्व सैनिकों से धोखा – कांग्रेस सरकार ने 2004 से 2012 के बीच तीन बार भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन बढ़ाई, जिससे उन्हें 7,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक फायदा हुआ।
  • 17 फरवरी 2014 को कांग्रेस सरकार ने 1 अप्रैल 2014 से OROP को मंजूर किया। इसमें तय किया कि एक समान समय तक सेवा करने के बाद एक ही रैंक से रिटायर होने वाले सभी सैनिकों को एक समान पेंशन दी जाए। फिर चाहे उनकी रिटायरमेंट की तारीख अलग-अलग क्यों न हो और भविष्य में पेंशन वृद्धि का लाभ पुराने पेंशन धारकों को मिले।
  • कांग्रेस सरकार का OROP का आदेश नकारते हुए मोदी सरकार ने 7 नवंबर 2015 को नया आदेश निकाल कर सेना के 30-40 प्रतिशत सैनिकों से OROP पूरी तरह से छीन लिया।
  • सेना के अधिकतर जवान 17-18 साल की सेवा के बाद 40 साल की आयु तक रिटायर हो जाते हैं। OROP का लाभ उनको नहीं मिलेगा। क्या यह सच नहीं कि सेनाओं के 85 प्रतिशत कर्मी 38 साल की उम्र तक और 10 प्रतिशत 46 वर्ष की आयु तक रिटायर हो जाते हैं।
  • मोदी सरकार ने 30 लाख सैनिकों की पेंशन को हर साल रिवाईज करने की मांग को भी नकारकर इस समय अवधि को 5 साल कर दिया। OROP की बजाय वन रैंक, पांच पेंशन बना दिया।
  • पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य योजना (ECHS) सुविधाओं पर आघात – 2021-22 में पिछले साल के मुकाबले पूर्व सैनिकों का ECHS बजट 1990 करोड़ रुपए काट लिया। बजट में कटौती का नतीजा यह है कि ECHS के एम्पैनल्ड अस्पतालों में एरियर्स का भुगतान नहीं हो रहा और नतीजतन रेफरल के बावजूद पूर्व सैनिकों और अधिकारियों का इलाज नहीं हो पा रहा।
  • CSD कैंटीन में सामान खरीद पर मोदी सरकार ने कैंटीन से वस्तुओं की खरीद पर अधिकतम सीमा 10,000 रुपए प्रतिमाह निर्धारित कर दिया। इतना ही नहीं CSD कैंटीन के माध्यम से अब 10 साल की सेवा के बाद ही पहली कार खरीद पाएंगे। रिटायर होने तक CSD कैंटीन से कोई कार नहीं खरीद सकते। रिटायरमेंट के बाद भी पूरी जिंदगी में CSD कैंटीन से केवल एक कार खरीद सकते हैं।
  • 2017 में मोदी सरकार ने CSD कैंटीन में बिकने वाले सामान की आधी कीमत पर जीएसटी देने का प्रावधान भी जड़ दिया है।
  • मोदी सरकार ने सैनिकों की डिसएबिलिटी पेंशन पर टैक्स लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी, मगर बेशर्मी से मोदी सरकार आज भी सैनिकों के खिलाफ केस लड़ रही है।
  • सातवें वेतन आयोग में डिफेंस पे मैट्रिक्स में केवल 24 पे लेवल निर्धारित किए गए, जबकि सिविलियन सेवाओं में पे मैट्रिक्स में 40 लेवल हैं। नतीजा यह है कि सैनिकों व अधिकारियों की पेंशन सिविल एम्प्लॉईज से लगभग 20,000 रु. कम निर्धारित होती है।
  • शार्ट सर्विस कमीशन सैन्य अधिकारियों को मिलिट्री अस्पताल में इलाज से वंचित किया।
  • तीनों सेनाओं के सैन्य अधिकारियों को नॉन-फंक्शनल अपग्रेड (NFU) से वंचित किया।
  • पूर्व सैनिकों के पुनर्वास की सुविधाओं का रास्ता रोका।
  • देश सेवा में कुर्बान होने वाले अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को मोदी सरकार शहीद का दर्जा नहीं देती। इसके चलते उनके परिवारों को न मुआवजा मिलता है और न सरकारी नौकरी मिलती है।
  • 1800 से अधिक सेंट्रल पुलिस कैंटीन 10 लाख अर्द्धसैनिक बलों के सेवारत कर्मियों व 50 लाख के करीब उनके परिवारों को सुविधा देती है। मोदी सरकार ने सेंट्रल पुलिस कैंटीन पर पूरा जीएसटी लगा दिया और तीनों सेनाओं की तरह उन्हें आधे जीएसटी की छूट की भी सुविधा नहीं दी।

पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष ने किया स्वागत

इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अजय राय ने कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को और कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गौतम ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज व कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। जिला एवं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गौतम व राघवेंद्र चौबे, अजय सिंह शिवजी, फसाहत हुसैन बाबू, पंकज सिंह, मनीष मोरोलिया, जिला प्रवक्ता डॉ. नृपेन्द्र नारायण सिंह आदि मौजूद रहे।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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