सुप्रीम कोर्ट 300 पुराने मामलों पर करेगा सुनवाई, 1979 में दायर हुआ था एक मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सालों पुराने लंबित मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के प्रयास शुरू कर दिया है। कोर्ट ने 11 अक्टूबर 300 पुराने मामलों पर सुनवाई शुरू करेगा। इनमें से कई मामले में दशकों पुराने हैं।
सुप्रीम कोर्ट सालों से लंबित पड़े मामलों की सुनवाई में तेजी लाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट 11 अक्टूबर से 300 पुराने मामलों पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह फैसला लिया। इनमें से एक मामला 1979 में दायर किया गया था और कोर्ट मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गया था, लेकिन कई कारणों की वजह से उसे सूचीबद्ध नहीं किया जा सका। सुप्रीम कोर्ट ने अपने परिपत्र में कहा, 300 सबसे पुराने मामले जिनकी सूची संलग्न है… मंगलवार, 11 अक्टूबर, 2022 से गैर-विविध दिनों में अदालतों के समक्ष सूचीबद्ध होने की संभावना है।
इन 300 मामलों में से, 1979 में भारत संघ द्वारा नव भारत फेरॉय एलॉयज लिमिटेड और अन्य के खिलाफ दायर एक दीवानी अपील सबसे पुरानी है। जब से न्यायमूर्ति यू यू ललित ने चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला है, सालों से लंबित पड़े पुराने मामलों के निपटान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पुराने लंबित पड़े मामलों की तेज हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की एक और संविधान पीठ का गठन किया था, जो पांच महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेगी, जिनमें नोटबंदी के फैसले को चुनौती संबंधी याचिकाएं भी शामिल हैं। अभी पांच-सदस्यीय तीन संविधान पीठ वर्षों से लंबित विभिन्न मामलों की सुनवाई कर रही है, जिनकी अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश ललित, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कितने मामले हैं लंबित?
चौथी संविधान पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर कर रहे हैं और इसमें न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना, न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति बी .वी नागरत्ना शामिल होंगे जिन्होंने पांच मामलों की सुनवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक सितंबर, 2022 तक 70,310 लंबित मामले थे। इनमें 51,839 विविध मामले और नियमित सुनवाई से संबंधित 18,471 मामले शामिल थे।