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शौक और जुनून ने मृत्युंजय सिंह को बनाया बैकबेंचर से एथिकल हैकर, साइबर संसार के हर ताले की चाबी है

शौक और जुनून ने मृत्युंजय सिंह को बनाया बैकबेंचर से एथिकल हैकरसाइबर संसार के हर ताले की चाबी है इनके पास

बाबा विश्वनाथ के नगरी वाराणसी में जन्में मृत्युंजय सिंह शौक और जुनून से कंप्यूटर साइंस बैकबेंचर से एथिकल हैकर बन गए। साइबर सुरक्षा की दुनिया में एक मुकाम हासिल कर वह महीने में लाखों की कमाई करते हैं। वह दुनिया की कई नामी कंपनियों की सुरक्षा खामियों (बग) को बताकर धनराशिऔर कई पुरस्कार जीत चुके हैं। मृत्युंजय सिंह को एक नयी वेब अटैक विजीएम सिक्योरिटी को  इजात करने के लिए जाना जाता है ।

वाराणसी शहर के सिगरा इलाके में रहने वाले मृत्युंजय सिंह के पिता योगेंद्र कुमार सिंह एक किसान हैं। मृत्युंजय सिंह की शुरुआत से इंटर तक की पढ़ाई चंदौली के नेशनल इंटर कालेज से हुई है। क्योंकि  मृत्युंजय सिंह चंदौली के औरैया गांव के रहने वाले हैं और उनके पिता वही किसान  थे । इण्टर के पढ़ाई के बाद वह रायपुर छतीशगढ चले गए. यहां उन्होंने साइबर सिक्योरिटी में एडमिशन लिया में । उनका कहना है कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के दौरान वह इंटरनेट पर कॉलेज के बारे में सर्च कर रहे थे।

इसी दौरान उन्हें पाकिस्तानी एथिकल हैकर रफे बलौच की एक पुस्तक हाथ लगी। उसे पढ़कर उनका रुझान इस तरफ हुआ और वह इंटरनेट पर इसके बारे में पढ़ने और जानकारी हासिल करने लगे। साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई के दौरान 2012 में मृत्युंजय सिंह के एक दोस्त ने भारत के एथिकल हैकर अंकित फाडिया की पुस्तक ‘नेटवर्क सिक्योरिटी: हैकर्स पर्सपेक्टिव’ दी। किताब की छाया प्रति कराकर उन्होंने किताब पढ़ी।

अंकित सिंह फाडिया भारत के डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेसडर भी रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई के दौरान भी मृत्युंजय सिंह सिंह अपना पूरा समय एथिकल हैकिंग के बारे में इंटरनेट पर नई-नई चीजों के बारे में जानकारी जुटाते रहते। बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी करने लगे। लेकिन अपने शौक को बरकरार रखा। जब उन्हें मौका मिलता। वह इस काम में जुट जाते और नामी कंपनियों की वेबसाइट पर बग खोजने लगते।

क्या है बग और एथिकल हैकर

आप अक्सर सुनते हैं कि इस संस्थान की वेबसाइट को साइबर शातिरों ने हैक कर लिया। वेबसाइट की वह कमी या त्रुटि जिसके चलते वेबसाइट हैक होती है। उस खामी(कमी, त्रुटि) को बग कहते हैं। एथिकल हैकर वह होते हैं, जो लीगल तौर पर किसी भी वेबसाइट पर जाकर उनकी कमी (बग) को खोजते हैं और उसे बताते हैं। साथ ही बताते हैं कि इस कमी को कैसे दूर किया जा सकता है। ताकि वेबसाइट को हैक होने से बचाया जा सके।

विभिन्न पुलिस डिपार्टमेंट के लिए भी किया है काम

मृत्युंजय सिंह ने बताया कि वह भारत की पुलिस डिपार्टमेंट की सुरक्षा टीम से भी जुड़े रहे हैं। वह भारत सरकार की प्रमुख वेबसाइट एनआईसी की साइबर सिक्योरिटी टीम का भी हिस्सा रहे हैं।

मृत्युंजय सिंह की प्रमुख उपलब्धियां

मृत्युंजय सिंह के मुताबिक 2016 में माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें एक बग निकालने पर सात हजार अमेरिकी डॉलर से पुरस्कृत किया। यूनाइटेड एयरलाइंस ने अपने बग बाउंटी अधिग्रहण के भीतर सुरक्षा कमजोरियों (बग) की रिपोर्ट करने पर 7 लाख 50हजार माइलेजप्लस माइल्स की मुफ्त यात्रा से पुरस्कृत किया। इसके अलावा पूर्व में वह एप्पल, याहू, टिवटर, अमेजन, आईबीएम समेत कई दिग्गज कंपनियों को सुरक्षा खामियों (बग) की सूचना दी है। वह अब तक लगभग सौ खामियां (बग) खोज चुके हैं।

कई प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एथिकल हैकिंग और साइबर सुरक्षा पर कर चुके हैं

मृत्युंजय सिंह के मुताबिक वह साइबर सेल के अधिकारियों और भारत के कई प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला कर चुके हैं। वह पुलिस डिपार्टमेंट रायपुर , दुर्ग , भिलाई जैसे पुलिस डिपार्टमेंट में सेवा दे चुके हैं

मार्शल आर्ट में ग्रीन बेल्ट हैं मृत्युंजय सिंह

मृत्युंजय सिंह ने बताया कि खेलों में उन्हें मार्शल आर्ट पसंद है। वह ताइक्वांडो में ग्रीन बेल्ट हैं। इसके अलावा उन्हें संगीत सुनने का शौक है। उन्हे महाभारत देखने और समझने का भी बहुत शौक है। उनका कहना है कि महाभारत हर व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन से कुछ ना कुछ मेल खाती है।

काम में एकाग्रता के लिए करते हैं ध्यान

मृत्युंजय सिंह सिंह का कहना है कि वह प्रतिदिन ध्यान करते हैं और अध्यात्म में विशेष रुचि रखते हैं। वह लैपटॉप पर घंटों काम करते हैं। ऐसे में वह अपने काम में एकाग्रता बनाए रखने के लिए ध्यान करते हैं। वह जिस पेशे से जुड़े हैं,उसमें एकाग्रता बहुत जरूरी होती है।

मृत्युंजय सिंह का आविष्कार

मृत्युंजय सिंह ने विजीएम सिक्योरिटी नाम की एक कम्पनी बनाई और इसी के नाम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किय।  जिसकी खासियत यह है की यह सॉफ्टवेयर किसी भी टाइप की वेब अटैक से बचाता है और वेब सिक्योरिटी को खोज करउसको फिक्स करता है। 

मृत्युंजय सिंह ने अब तक इस सॉफ्टवेयर से ९००० से ज्यादा वेबसाइट को सिक्योरिटी दिया है।

मृत्युंजय सिंह की किताब

मृत्युंजय सिंह ने साइबर सिक्योरिटी पर २ किताबे लिखी हैं (हैकिंग विथ मृत्युंजय सिंह और कम्पलीट हैकिंग एन्ड साइबर सिक्योरिटी) जो अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर बिक रही है और साथ ही मृत्युंजय सिंह की जीवन पर  (स्ट्रगल – मृत्युंजय सिंह हैकर) नाम की किताब धारणा सिंह भार्गव नाम की राइटर ने लिखा है जो फ्लिपकार्ट पर है। 

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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