
विराट कोहली का जन्म 5 नवम्बर 1988 को दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उसके पिता प्रेम कोहली एक अपराधिक वकील और माता सरोज कोहली एक गृहिणी है। उन्हें एक बड़ा भाई विकाश और एक बड़ी बहन भावना भी है। उनके परिवार के अनुसार जब कोहली 3 साल के थे तभी उन्होंने क्रिकेट बैट हात में ली थी, और अपने पिता को बोलिंग करने कहा था।
कोहली उत्तम नगर में बड़े हुए और विशाल भारती पब्लिक स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। 1998 में, पश्चिमी दिल्ली क्रिकेट अकादमी बनी और कोहली 9 साल की आयतु में ही उसमे शामिल हुए। कोहली के पिता ने तभी कोहली को अकादमी में शामिल किया जब उनके पडोसी ने उनसे कहा की, “विराट को गल्ली क्रिकेट में समय व्यर्थ नही करना चाहिये बल्कि उसे किसी अकादमी में व्यावसायिक रूप से क्रिकेट सीखना चाहिये।” राजीवकुमार शर्मा के हातो कोहली ने प्रशिक्षण लिया और सुमित डोगरा अकादमी में मैच भी खेला। 9 वी कक्षा में उन्हें सविएर कान्वेंट में डाला गया ताकि उन्हें क्रिकेट प्रशिक्षण में मदद मिल सके। खेलो के साथ ही कोहली पढाई में भी अच्छे थे, उनके शिक्षक उन्हें, “एक होनहार और बुद्धिमान बच्चा बताते है।”
वर्ष 2004 के अंत तक उन्हें Under 17 Delhi Cricket Team का सदस्य बना दिया गया था जब उनको Vijay Merchant Trophy के लिए खेलना था | इस चार मैचो की सीरीज में उन्होंने 450 से ज्यादा रन बनाये थे और उन्होंने एक मैच में तो 251 रन नाबाद बनाये थे | अगले साल की Vijay Merchant Trophy में तो वो सुर्खियों में आ गये थे | इस बार उन्होंने 7 मैचो में 757 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था | इस टूर्नामेंट में विराट कोहली विराट ने 84.11 की औसत से रन बनाये थे जिसमे से 2 शतक भी शामिल थे |
जुलाई 2006 में विराट कोहली विराट कोहली को भारत की Under-19 Cricket खिलाडियों में चुन लिया गया और उनका पहला विदेशे टूर इंग्लैंड था | इस इंग्लैंड टूर में उन्होंने तीन एकदिवसीय मैचो में 105 रन बनाये थे | इसी टूर में तीन टेस्ट मैचो में उन्होंने 49 रन की औसत से रन बनाये थे | भारत उस वर्ष दोनों सीरीज जीतकर लौटा था | इसी साल बाद में विराट ने Under-19 Cricket में पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया था | इसके बाद उनकी प्रतिभा को देखते हुए Under-19 Cricket में विराट को एक स्थाई खिलाड़ी के रूप में रख लिया गया |
18 दिसम्बर 2006 को ब्रेन स्ट्रोक की वजह से काफी दिनों तक आराम करने के बाद उनके पिता की मृत्यु हो गयी। अपने प्रारंभिक जीवन को याद करते हुए कोहली एक साक्षात्कार में बताते है की, “मैंने अपने जीवन में बहोत कुछ देखा। मैंने युवा दिनों में ही अपने पिता को खो दिया, जिससे पारिवारिक व्यापार भी डगमगा गया था, इस वजह से मुझे किराये की रूम में भी रहना पड़ा।
वो एक मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं और दायें हाथ के मध्यम गति गेंदबाज भी हैं। ये प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हैं और इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर के कप्तान हैं। उन्होंने वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी के लिए भी खेला है। उन्होंने एक भारतीय बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड बनाया है। कोहली ने 2008 में अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (एकदिवसीय) शुरुआत की और 2011 के विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। एकदिवसीय टीम में नियमित होने के बावजूद, कोहली किंग्सटन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में अपना पहला टेस्ट खेला था। कोहली 2012 में आईसीसी वनडे प्लेयर के प्राप्तकर्ता था। नवंबर 2013 में उन्होंने पहली बार वनडे बल्लेबाज मे शीर्ष स्थान पाया था।
कैरियर की शुरूआत
कोहली सुर्खियों में आऐ जब वे अपने पिता की मृत्यु के दिन कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली के लिए खेल रहे थे। कोहली मलेशिया में आयोजित २००८ U/१९ क्रिकेट विश्व कप में विजयी भारतीय टीम के कप्तान थे। नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए, उन्होंने ४७ की औसत से ६ मैचों में २३५ रन बनाए, जिसमे वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक भी शामिल है। टूर्नामेंट के दौरान कई सामरिक गेंदबाजी परिवर्तन करने के लिए उनकी सराहना की गई थी। वे अपना हर मैच गंभीरता से लिया करते है। कोहली ऑस्ट्रेलिया में २००९ इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में, कोहली ने शतक बनाया था और भारत १७ रन से जीता था।
जब 2014 में धोनी ने Test Matches से संन्यास लिया. तब विराट को Test Team की कप्तानी सोंपी गयी.
उन्होंने वन-डे क्रिकेट में सबसे तेज़ 5000 रन बनाने का रिकार्ड्स भी बनाया.
विराट कोहली पहले ऐसे बल्लेबाज हैं. जिन्होंने 4 साल में 1000 या उससे भी ज्यादा रन वन-डे मैचों में हासिल किये. और साल 2015 में 20-20 मैच में वेह 1000 रन बनाकर दुनिया के सबसे तेज बैट्समैन बने.विराट कोहली ने कई पुरस्कार हासिल किये. 2012 में ICC ODI प्लेयर ऑफ़ द इयर चुना गया.
18 दिसम्बर 2006 को ब्रेन स्ट्रोक की वजह से विराट के पिता की म्रत्यु हो गयी. पिताजी की म्रत्यु के बाद उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. विराट कोहली ने एक साक्षात्कार में बताया कि युवा दिनों में ही पिताजी को खोने के बाद उनका पारिवारिक व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा था. जिसकी वजह से उन्हें किराये के घर में भी रहना पड़ा. जब 2006 में विराट कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्राफी के लिए खेल रहे थे. तब उन्हें उनके पिता की म्रत्यु का पता चला. लेकिन विराट ने पहले अपने मैच को पूरा किया फिर वे अपने घर दिल्ली गए.