वाराणसी से हावड़ा तक वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन की होने जा रही शुरुआत, जान लें कब से शुरू होगा संचालन

वाराणसी [अनूप अग्रहरि]। फिलहाल नई दिल्ली से वाराणसी और कोलकाता तक बुलेट ट्रेन का संचालन अधर में है तो दूसरी ओर सेमी हाईस्पीड ट्रेन की प्राइमरी मेंटेनेंस के लिए नया वाशिंग लाईन विकसित करने की कवायद तेज करने के साथ ही वाराणसी और कोलकाता के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की योजना को पंख लग गए हैं। अब काशी से कोलकाता तक का सफर यात्री वंदेभारत एक्सप्रेस से कर सकेंगे। रेलवे की ओर से इसके लिए तैयारियां इसी माह के शुरुआत से ही चल रही हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर या नवंबर माह के आसपास पीएम नरेन्द्र मोदी इस ट्रेन को अपने वाराणसी दौरे पर हरी झंड़ी दिखा सकते हैं।
एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित प्राइवेट बनारस स्टेशन (मंडुआडीह स्टेशन) से वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की कवायद तेज हो गई है। यहां सेमी हाईस्पीड ट्रेन की प्राइमरी मेंटेनेंस के लिए नया वाशिंग लाइन तैयार की जा रही है। मानक के अनुरूप संसाधन विकसित करने के साथ ही वाराणसी और कोलकाता के बीच प्रस्तावित सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की योजना को पंख लग चुके हैं। अब रेल मंत्रालय की ओर से ट्रेन को हरी झंडी का इंतजार है। अभी तक वाराणसी से नई दिल्ली तक के लिए एक वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन चल रही है। बीते दिनों नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तस्वीरें भी रेलवे की ओर से जारी की गई थीं।
देशभर में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की तैयारियों के बीच कोलकाता और काशीवासियों के लिए राहत भरी खबर है। बनारस स्टेशन से कोलकाता (हावड़ा) के लिए सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की चर्चा ने फिर से जोर पकड़ा है जो अब जमीन पर उतरने को भी तैयार है। इसके सापेक्ष नए वाशिंग लाइन का निर्माण और सेमी हाईस्पीड ट्रेन के मानकों के अनुरूप संसाधन विकसित होने की ओर है। शेड में विद्युत (ट्रैक्शन) विभाग की ओर से ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिक) तार बिछाया जाएगा। पहले चरण में कंस्ट्रक्शन से संबंधित काम भी लगभग पूरे कर लिए गए हैं। इसके पूर्व के दो वाशिंग पिट कैमटेक तकनीक के अधार पर बनाए गए थे अब तीसरा भी इसी पर बनाया जा रहा है। बनारस डिपो में कैमटेक तकनीक से बनने वाले वाशिंग पिट में एलएचबी रैक और वंदेभारत के रैक के प्राइमरी रखरखाव की भी जिम्मेदारी पूरी की जाएगी।
चार वर्ष पहले बना था प्रस्ताव : पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के कार्यकाल में चार वर्ष पूर्व बनारस (मंडुआडीह) स्टेशन से हावड़ा तक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की कवायद शुरू हो गई थी। इस संदर्भ में पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी प्रशासन की ओर से हेड क्वार्टर के जरिए रेलवे बोर्ड को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। हालाकि अपरिहार्य कारणों से इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। एक बार फिर बने माहौल में वाराणसी – हावड़ा वन्दे भारत एक्सप्रेस की योजना पाईप लाईन से जल्द ही बाहर निकलेगी। विभागीय सूत्रों की माने तो बनारस स्टेशन से गोरखपुर के लिए भी एक सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है।
आधुनिक फीचर से लैस होंगी ट्रेन : नए संस्करण में वंदे भारत एक्सप्रेस की रैक आधुनिक फीचर से लैस होंगी। जिसे यात्रियों के सफर को आरामदायक और सुविधा जनक बनाया जाएगा। रेलवे के रायबरेली समेत विभिन्न आईसीएफ कोच फैक्ट्री में इसे तैयार किया जाएगा। 12 अगस्त 2022 को चेन्नई में नए रैक का ट्रायल रन कराया जाएगा। अगस्त और सितंबर माह तक ये गाडियां कई चरणों में चलाई जाएंगी। पहले संस्करण में संचालित देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वाराणसी – नई दिल्ली और नई दिल्ली से कटड़ा के बीच चलाई जा रही है।
गति को बढ़ाने का प्रयास : वाराणसी से चलने के बाद पीडीडीयू और हावड़ा तक औसत गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति है। लिहाजा वंदेभारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेन के लिए यह रूट बेहतर साबित होने की उम्मीद है। वाराणसी से पीडीडीयू जंक्शन के बीच ही औसतन एक घंटे और 10 मिनट का समय लगता था जिसे कम करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए ट्रैक की गति के साथ ही नए निर्माण भी किए जा रहे हैं। स्लीपर ही सुविधा वाली वंदेभारत एक्सप्रेस में बैठ कर यात्रा की जगह लंबी दूरी की यात्रा की वजह से कोच भी शयनयान श्रेणी के बनाए जा रहे हैं। इसकी वजह से लंबी दूरी की यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।