वाराणसी में बाढ़ : काशी विश्वनाथ धाम में घुसा बाढ़ का पानी, सामने घाट पुल का एप्रोच मार्ग भी डूबा

वाराणसी में गंगा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि से बाढ़ क्षेत्र में विस्तार होता जा रहा है। रविवार देर रात बाढ़ का पानी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर के निचले हिस्से में प्रवेश कर गया। मणिकर्णिका घाट पर निर्माणाधीन रैंप के हिस्से से होते हुए घुसे पानी से जलासेन पथ व सीवेज पंपिंग प्लांट जलाजल हो गया है। राहत की बात यह है कि गंगाद्वार समेत श्रद्धालुओं के आवागमन वाले हिस्से और भवन आदि को उच्चतम बाढ़ बिंदु (हाई फ्लड लेवल) से ऊपर बनाया गया है।
मणिकर्णिका घाट स्थित घोड़साल बिल्डिंग में पानी भर जाने से प्रथम तल पर शवदाह किया जा रहा है। मणिकर्णिका घाट जाने वाले मार्ग पर पानी भर जाने से शव नाव से लाए जा रहे हैं। हरिश्चंद्र घाट के डूब जाने से ऊपर गली में शवदाह करना पड़ रहा है। रामनगर पुल का सामने घाट लंका छोर एप्रोच मार्ग भी डूब गया है।
सामने घाट से लगे इलाकों से होते हुए रमना तक गांवों व कालोनियों में पानी भरा हुआ है। वरुणा के तटीय क्षेत्रों में यही हाल है, वहीं गोमती किनारे तक दर्जनों गांव और फसलें जलमग्न हो गए हैं। ढाब क्षेत्र में सोता पुल मार्ग पर गंगा का पानी चढ़ आया है।
सोमवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 72.09 मीटर पहुंच गया था। बढ़ाव की रफ्तार भी एक समी प्रतिघंटा रही। जनपद में अधिकतम बाढ़ लेबल 73.90 मीटर है। हालांकि प्रयागराज में गंगा का बढ़ाव स्थिर हो जाने से देर रात तक राहत की उम्मीद जताई जा रही है।