वाराणसी में दशहरी और लंगड़ा आम के मंडी में आते ही खरीदारों की उमड़ी भीड़, कीमतें मगर जेब पर भारी

वाराणसी, जागरण संवाददाता। मार्च माह में दक्षिण भारत के आम की आवक मंडी में शुरू हो चुकी थी जो उस समय दो सौ रुपये किलो के आसपास थी। अब आम के स्थानीय बागानों से आवक होने की वजह से मंडी में कीमतें कुछ कम हुई हैं मगर फुटकर कीमतें अभी 50 रुपये के ऊपर होने की वजह से लोगों को चिंता भी खूब हो रही है। मध्य और पश्चिम उत्तर प्रदेश में आम की फसल बेहतर हुई है तो पूर्वांचल में आम की बेहतर उपज नहीं हो सकी है। इस लिहाज से आम की कीमतों में अभी इजाफा है। मगर, जल्द ही बारिश की शुरुआत के बाद कीमतें कम होने लगेंगी।
फलों के राजा आम की आवक तो पहडिया मंडी में दो माह पहले हो चुकी है। गुरुवार से लंगड़ा और दशहरी आमों की ट्रकों से खेप पहुंचते ही शुक्रवार को फुटकर विक्रेताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जिसमें कच्चा दशहरी आम 3000 रुपया से लेकर 4000 रुपया कुंटल और कच्चा लंगड़ा आम 4000 से लेकर 6000 रुपया कुंटल की बिक्री दर्ज की गई। जिसका फुटकर रेट बाजारों में दशहरी 60 से 70 रुपया प्रति किलो और लंगड़ा 80 से 90 रुपया किलो बिक्री होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस सबंध में पहड़िया मंडी के थोक आम विक्रेता नारायण प्रसाद सोनकर ने बताया कि प्रतापगढ़, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, तुलसीपुर, बलरामपुर, गोरखपुर सहित बंगाल से लंगड़ा और दशहरी आमों की खेप पहुंची है। जल्द ही एक जून से आमों का भाव और गिर जाएगा। आम मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर से भी आने लगेंगे। इसके अलावा नेपाल के बॉर्डर से भी आमों की आवक शुरू हो जाएगी। तब आम की कीमत और कम हो जायेगी। हालांकि, इस बीच आंधी आने से आम की फसलों को नुकसान हुआ है। नहीं तो आम की कीमतें और भी कम रहती। लेकिन मंडी पर बहुत असर नहीं पड़ेगा।