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वाराणसी में तुलसीघाट पर स्‍नान करने पहुंचे दो युवक डूबे, घाट पर कई बार हो चुका है हादसा

वाराणसी, जागरण संवाददाता। गंगा तट स्थित तुलसीघाट पर सोमवार को स्नान के दौरान दो युवक नदी की तेज धारा में डूब गए। वहीं हादसे की जानकारी होने के बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। गंगा में डूबे अभिमन्यु सिन्हा और समीर विश्वकर्मा दुर्गाकुंड में रहकर प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। वहीं हादसे की जानकारी से परिजनों को अवगत करा दिया गया है। हादसे के बाद सीओ दशाश्वमेध व भेलूपुर ने नगर निगम के सहयोग से गंगा किनारे एक दर्जन घाटों पर वैरिकेडिंग व स्न्नान करने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भेज दिया है।

तुलसी घाट पर गंगा में नहाते समय सोमवार सुबह दो छात्रों की डूबने से मौत हो गई। दुर्गाकुंड में किराए के कमरे में रहकर मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करने वाले मध्यप्रदेश के सिंगरौली के बैढ़न निवासी अभिमन्यु सिन्हा (20) और भदोही के पट्टी निवासी समीर विश्वकर्मा (20) सुबह करीब छह बजे नहाने पहुंचे थे। गहरे पानी में दोनों की डूबने से मौत हो गई। करीब चार घण्टे बाद शव निकाला जा सका। मौके पर भदोही निवासी छात्र का भाई पहुंचा है। वहीं सिंगरौली के रहने वाले छात्र के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है।

बैढ़न वार्ड नं 42 सिंगरौली के रहने वाले संजीव कुमार सिन्हा के दो बेटों में दूसरे नंबर का अभिमन्यु और मेन रोड मौर्या पट्टी भदोही के रहने वाले भाई लाल विश्वकर्मा का बेटा समीर मेडिकल की तैयारी और कोचिंग करने के लिए दुर्गाकुंड में पिछले सात महीने से रहते थे।दोनों की मौत की जानकारी होने के बाद परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।स्थानीय लोगों की मानें तो दोनों साइकिल से तुलसीघाट पहुंचे। साइकिल खड़ी करने के बाद दोनों घाट किनारे पहुंचे। आधे घण्टे बैठने के बाद दोनों अपना कपड़ा मोबाइल सीढ़ी पर रखकर गंगा में स्नान करने के लिए उतर गए।

छह माह के भीतर एक दर्जन से ज्यादा लोग डूबे : तुलसीघाट पर रविवार को एक युवक की गंगा में डूबने से मौत हुई। चौबीस घण्टे भी नहीं बिता सोमवार सुबह दो और गंगा में डूब गए। तुलसीघाट पर पिछले छह महीने के भीतर एक दर्जन से अधिक लोग गंगा में डूबे और उनकी मौत हो गई। इन हादसों डूबने वाले सबसे ज्यादा युवा होते हैं। घाट किनारे गहराई को लेकर कोई सांकेतिक बोर्ड और गंगा के भीतर बैरिकेडिंग नहीं होना घटना का मुख्य कारण बन जाता है। तुलसीघाट के सामने गंगा के खड़ी गहराई है।जो नए लोगों को मालूम नहीं होता। तैराकी न जानने के कारण गहराई में जाते ही डूब जाते हैं।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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