वाराणसी में खपाई जा रही सैकड़ों क्विंटल सिंगल यूज प्लास्टिक, प्रतिबंध के बाद भी बाजार में सहजता से उपलब्ध

पर्यावरण के लिए घातक सिंगल यूज प्लास्टिक पर शासन की ओर से प्रतिबंध के बाद भी गांव से लेकर शहर तक पर्यावरण में इसका जहर घुल रहा है। प्रतिबंधित प्लास्टिक की बिक्री दुकानों से चोरी-छिपे जारी है। यह बात और ही अब सिर्फ एसयूपी पिछले दरवाजे से जान-पहचान वालों को ही मिल रहा। सब्जी-फल की दुकानों पर भी इसमें छिप-छिपा कर फिक्स ग्राहकों को सामान बेचे जा रहे हैं। बेचने वाले और उपयोगकर्ता अफसरों की खींचतान से शह पा रहे हैं। जिला उद्योग केंद्र, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण इकाई व वाणिज्य कर विभाग के अफसर दावे से बता रहे हैं कि बनारस में न तो सिंगल यूज प्लास्टिक बनाई जा रही और न ही बाहर से आ रही, लेकिन हकीकत सड़कों पर नजर आ रही। इसे नगर निगम के आंकड़े भी पुष्ट करते हैं। सिर्फ जुलाई में ही कुछ दुकानों व प्रतिष्ठानों से 11305 किलोग्राम सिर्फ सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त की गई। इन दुकानों पर 2.75 रुपये का जुर्माना भी किया गया।
वास्तव में सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जुलाई 2022 से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसमें उत्पादन, विपणन, वितरण को पूरी तरह से दंडनीय घोषित कर दिया गया है। इसे लेकर शुरुआती दौर में नगर निगम, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण इकाई व प्रशासन ने जागरूकता के लिए अभियान चलाया। कारखानों व दुकानों में छापेमारी कर जब्ती व जुर्माना की कार्रवाई भी खूब हुई। पखवारे भर अभियान की गर्मी बनी रही, लेकिन इसके बाद सभी सुस्त पड़ गए। जुलाई बीतते ही जहां छापेमारी और जुर्माना की कार्रवाई ठप पड़ी, गोदामों में डंप पड़ी सिंगल यूज प्लास्टिक फिर निकलकर वातावरण में लहराने लगी। नतीजा ठेलों, खोमचों, सब्जी की दुकानों से लगायत होटल, रेस्त्रां, किराना दुकानों तक इसे खपाया जा रहा है।
प्लास्टिक निस्तारण का नहीं इंतजाम : वाराणसी नगर निगम में प्रतिदिन छह लाख टन से अधिक कूड़ा निकलता है। इसमें प्लास्टिक को अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं है। सफाई विभाग केवल गीला और सूखा कचरा ही अलग करता है। कचरे में प्लास्टिक की मात्रा कम जरूर हुई है लेकिन नगर निगम के कचरा वाहनों पर लदे कूड़े के ढेर में पालीथिन अभी भी दिख ही जाती है।
दावा: जिले में कोई प्रतिबंधित प्लास्टिक इकाई नहीं : जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केंद्र ने जिले में एक भी प्रतिबंधित प्लास्टिक इकाई नहीं होने की रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपी है। उपायुक्त मोहन कुमार शर्मा के अनुसार बनारस में एक भी प्रतिबंधित प्लास्टिक निर्माण इकाई नहीं है। नगर निगम प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल राघवेंद्र मौर्य के दावे भी कुछ ऐसे ही हैं। कहते हैं, इसे चोरी-छिपे बाहर से मंगाया जा रहा। इसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसमें पूर्व सैनिकों का सहयोग लेकर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।
बाहर से नहीं आ रहा सिंगल यूज प्लास्टिक : वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त मिथिलेश शुक्ल कहते हैं कि लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है। बाहर से आने वाली हर गाड़ियों की जांच की जा रही है। जुलाई के बाद से अभी तक कहीं भी एसयूपी नहीं पकड़ी गई है। टीम को हिदायत दी गई है कि इस पर कड़ी नजर रखे।
सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक की थैलियां, डिस्पोजल प्लास्टिक, स्ट्रा, सोडा व पानी की बोतलें, कप, गिलास, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, गुब्बारे की छड़ें, आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक, 100 माइक्रोन से कम के बैनर आदि।
उल्लंघन करने पर जुर्माना : प्रतिबंध के उल्लंघन में पकड़े जाने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत पांच साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रविधान है। बनारस में नगर निगम की ओर से जुर्माना की कार्रवाई तो की जा रही लेकिन सजा का कोई मामला नहीं आया है।
स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप में प्रभावित करता है। यह सैकड़ाें साल तक नष्ट नहीं होता। इससे जल-वायु व मृदा प्रदूषण होता है। अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खाने पीने की चीजों की प्लास्टिक में पैकिंग से घातक रसायन खाद्य पदार्थों को जहरीला बना देता है। इससे प्रतिरक्षण प्रणाली पर दुष्प्रभाव पड़ता है। विभिन्न माध्यमों से प्लास्टिक के टुकड़े शरीर के भीतर पहुंच जाते हैं, जो रक्त प्रवाह या शारीरिक गतिविधियों में रुकावट पैदा करते हैं। – डा. पीके तिवारी, वरिष्ठ फिजीशियन
बोले अधिकारी : सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जिले में कई बार पुलिस के सहयोग से नगर निगम की टीम ने अभियान चलाया। मजिस्ट्रेट व एसडीएम की अगुवाई में छापेमारी भी हुई, कई टन सिंगल यूज प्लास्टिंक नष्ट कराया गया। निश्चित तौर पर अभी इसका उपयोग पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। निगरानी की कमी है। इसके लिए नगर निगम टीम को निर्देशित किया गया है। अभियान की सफलता के लिए जागरूकता जरूरी है। बाढ़ के बाद व्यापक अभियान चलाया जाएगा। मजिस्ट्रेट की अगुवाई में गठित टीम छापेमारी के साथ कार्रवाई करेगी। -कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी
बोले विभागीय अधिकारी : क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान जारी है, बंद नहीं हुआ है, विभिन्न कारणों से सुस्ती जरूर आई है लेकिन इसे और तेज किया जाएगा।- कालिका सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग