वाराणसी जिला पंचायत की लाइसेंस फीस जमा करने के बाद ही अब गांव में चलेंगी मदिरा की दुकानें

जागरण संवाददाता, वाराणसी : ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत से लाइसेंस मिलने के उपरांत ही किसी भी प्रकार का कारोबार किया जा सकता है। प्रत्येक वर्ष निर्धारित फीस लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान जमा करने का प्रविधान है। यह राशि शासन के हवाले की जाती है। लेकिन पिछले लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में तीन सौ से अधिक संचालित देशी, विदेशी शराब, बियर, भांग ठेका, शराब स्प्रिट व एल्कोहल बनाने का कारखाना जिला पंचायत की निर्धारित फीस जमा नहीं कर रहे हैं।
जिला पंचायत ने फीस जमा न करने को लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से शिकायत की। डीएम कौशल राज शर्मा ने जिला आबकारी अधिकारी को पत्र लिखा है कि लाइसेंस धारक देशी- विदेशी शराब व भांग की दुकानों के संचालकों को जिला पंचायत से लाइसेंस नवीनीकरण के वार्षिक निर्धारित फीस जमा करना अनिवार्य होगा। जिला पंचायत की फीस जमा करने के बाद ही लाइसेंस धारकों को आबकारी विभाग संचालन का आदेश व लाइसेंस पत्र जारी करें।
लाइसेंस नवीनीकरण काे दो हजार रुपये तक शुल्क
जिला पंचायत का नवीनीकरण वार्षिक शुल्क विदेशी व बियर की दुकानों के लिए दो हजार रुपये निर्धारित है। देशी शराब के ठेका व भांग की दुकान के लिए एक हजार रुपये फीस तय है।
जिला पंचायत सदस्यों ने अपर मुख्य अधिकारी का किया घेराव
विकास कार्यों की अनदेखी को लेकर बुधवार को जिला पंचायत सदस्यों ने अपर मुख्य अधिकारी का घेराव किया। इसके साथ ही समस्याओं को तत्काल हल कराने की बात कही। जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि अपर मुख्य अधिकारी संबंधित कर्मचारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से गांव के विकास कार्यों में मनमानी की जा रही है। जिला पंचायत से स्वीकृत व धन आवंटित होने के बाद भी समय से कार्य नहीं हो रहे हैं। बिना भौतिक सत्यापन के ही ठेकेदारों का भुगतान किया जा रहा है। घेराव व विरोध प्रदर्शन करने वाले सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो दोषपूर्ण प्रक्रिया चलने नहीं दी जाएगी। घेराव करने वालों में मुख्य रूप से सरिता गगन प्रकाश, सुनील सिंह, अरुण सिंह बिन्नी, राजेश सिंह, राजेश यादव नत्थू, ललित यादव, दर्शन यादव, अमन सिंह, नितिकेश सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे।