वाराणसी के नमन कपूर को ग्लोबल क्लाइमेट कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए किया गया चयनित

सीमा झा। ‘यदि कोई मुश्किल कार्य देना हो तो वह आलसी व्यक्ति को दें। वे इसे पूरा करने की आसान राह निकाल लेंगे। बिल गेट्स ने शायद मेरे लिए ही यह कहा होगा।’ हंसते हुए कहते हैं नमन। वह जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में स्कूली दिनों से ही सक्रिय रहे हैं। भारत में वे कक्षा चार से बारहवीं तक वेल्हेम ब्वायज स्कूल, देहरादून के छात्र रहे। यहां उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किया, जैसे- बेहतर इंडिया प्रोजेक्ट। इसके तहत उन्होंने व्यक्तिगत रूप से तीन टन अखबारों का वेस्ट इकट्ठा कर उसे रिसाइकल किया। उसके बाद इससे कई उपयोगी वस्तुएं तैयार कराईं। वह भारत में कई पालिसी प्रोग्राम में सक्रिय रहे हैं। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है। कोविड काल में हजारों लोगों को खाद्यान्न वितरण में भी उन्होंने योगदान किया है। नमन कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि यदि हम बेहतर नीति निर्माण पर फोकस करें, तो हमारा देश और बेहतर तरीके से प्रगति कर सकता है। मुझे इसी दिशा में काम करना है।’
नमन के मुताबिक, उनकी यूनिवर्सिटी पालिटिक्स और एनवायरमेंट के लिए हार्वर्ड के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं। उन्हें यहां दाखिले के लिए सौ प्रतिशत स्कालरशिप मिली है। वह राजनीति में जाने के बजाय एक बेहतरीन पालिसी मेकर बनना चाहते हैं। उन्हें भारत के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों के साथ भी पालिसी निर्माण के कई प्रोजेक्ट में भागीदारी करने का अवसर मिला है। इससे उन्होंने काफी कुछ सीखा है पर उनके मुताबिक, अभी आगे खूब पढ़ाई करनी है ताकि वह अपना सपना पूरा कर सकें। नमन बताते हैं, हमारे यहां गरीबी और शिक्षा बड़ी समस्या है। पर शिक्षा का प्रसार कर हम दूसरी बड़ी समस्याओं पर नियंत्रण कर सकते हैं। जैसे कि जनसंख्या विस्फोट की समस्या।
नमन के मुताबिक, वह भारत में एक फंड रेजिंग प्रोग्राम भी चला चुके हैं जिससे तकरीबन अठारह हजार बच्चों की डेंगू से बचाव करने में मदद मिली। उन्हें जो हाल में क्लामेट चेंज कांफ्रेस में भाग लेने का अवसर मिला है, वह कैसे संभव हुआ? इस पर वह बताते हैं, ‘दरअसल, यह दुनिया की टाप पंद्रह यूनिवर्सिटी की पहल है। इसमें कैंब्रिज, आक्सफोर्ड, येल, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस, इंपीरियल कालेज आफ लंदन आदि शामिल हैं। इनकी पहल से यह कांफ्रेंस अगले माह संभावित है। इन पंद्रह यूनिवर्सिटी के साथ उनकी यूनिवर्सिटी भी शामिल है।’ जलवायु परिवर्तन पर सक्रिय प्रयासों के चलते नमन को कांफ्रेंस में भाग लेने का अवसर मिला है। इसमें दुनिया के बड़े जलवायु परिवर्तन पर काम करने वाले विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। सब मिलकर प्रण लेंगे कि इस दुनिया को जलवायु परिवर्तन की समस्या से कैसे निजात दिलायी जाए। नमन आह्वान करते हैं कि हम सब भी इस महान संकल्प को पूरा करने में उनका साथ दें।